अगर पंजाब सरकार द्वारा 58 साल या उससे अधिक आयु के कार्यरत कर्मचारियों को रिटायर करने का फैसला ले लिया जाता है तो इसका प्रभाव दो तरह से पड़ेगा। जहां कइयों की नौकरी जाएगी, वहीं फायदा चंडीगढ़ के युवाओं को मिलेगा। जहां एक ओर रोजगार बढ़ेंगे वहीं वर्तमान में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन भी मिलेगा। प्रशासन के अनुसार पंजाब कैबिनेट के फैसले के बाद करीब 1200 कर्मचारियों को शहर के सरकारी कार्यालयों से रिटायर किया जाएगा।राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल की ये पांच बड़ी बातों के लिए याद किये जाएंगे प्रणब मुखर्जी…
चंडीगढ़ में पंजाब के नियम लागू होते हैं। प्रशासन को भी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि इससे वितीय बोझ में कमी आएगी क्योंकि जो कर्मचारी रिटायर होंगे, उन्हें ज्यादा वेतन दिया जाता है। जिन नए युवाओं को रोजगार मिलेगा उन्हें रिटायर होने वाले कर्मचारियों के मुकाबले 25 प्रतिशत वेतन ही दिया जाएगा। मालूम हो कि सरकार की ओर से साल 2003 के कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं, वह रिटायरमेंट के बाद पेंशन स्कीम से भी बाहर हैं। केंद्र सरकार की ओर से चंडीगढ़ प्रशासन को हर साल जो ग्रांट मिलती है, उसका 40 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन में ही खर्च होता है। हर साल 1700 करोड़ रुपये का वेतन में भुगतान होता है।
एक्सटेंशन समाप्त होने पर प्रशासन को भर्ती करने वाले कर्मचारियों को तीन साल तक प्रोबेशन पर बेसिक वेतन ही देना होगा। इस समय एक्सटेंशन पर कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्हें 80 हजार तक भी प्रति माह वेतन मिलता है। उनकी जगह जो भरती होंगे, उन्हें 15 से 20 हजार ही वेतन अदा करना होगा। 58 साल से अधिक इस समय करीब 500 कर्मचारी काम कर रहे हैं जो कि सेंशन पोस्ट पर काम कर रहे हैं।
नुकसान सिर्फ प्रभावित कर्मचारियों का
17 हजार कर्मचारी है इस समय
इस समय प्रशासन के कुल 17 हजार सरकारी कर्मचारी हैं, जो कि अलग अलग विभागों में काम कर रहे हैं। सचिवालय के अलावा संपदा विभाग, नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड, सेक्टर-32 जीएमसीएच, सेक्टर-16 के अस्पताल में 17 हजार सरकारी कर्मचारी काम कर रहे हैं। अकेले नगर निगम में ही 4 हजार सरकारी कर्मचारी हैं।
इससे वर्तमान में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ साथ प्रशासन को भी फायदा है। लेकिन सरकार को चाहिए कि जिन कर्मचारियों को पहले एक्सटेंशन मिल चुकी है उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद ही उन्हें रिटायर किया जाए क्योंकि कई कर्मचारी ऐेसे है जो सरकारी मकान में रहते है और एकदम से रिटायर होने के बाद उन्हें मकान के लिए भटकना पड़ेगा
– हरजिंदर सिंह, उपाध्यक्ष, इंटक
58 साल तक रिटायरमेंट की आयु तय करने का काफी अच्छा फैसला होगा इससे नए युवाओं को नौकरी मिलेगी और शहर में बेरोजगारी भी कम होगी। पूरे देश के राज्य सरकारों को इस फैसले को लागू करना चाहिए।
– राजिंदर कुमार, महासचिव, चंडीगढ़ यूटी सबडोनेट सर्विस फेडरेशन महासचिव
पंजाब सरकार के फैसले के बाद तुरंत प्रभाव से चंडीगढ़ के 58 और इससे अधिक आयु वाले कर्मचारी भी रिटायर हो जाएंगे। यह सभी कर्मचारी सेंशन पोस्ट पर बैठे हुए हैं इनकी जगह जहां बेरोजगारी दूर होगी वहीं पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को प्रमोशन भी मिलेगी।
– अजीत सिंह ,चेयरमैन कोआडिनेशन कमेटी आफ गर्वनमेंट एंड एमसी इंपलाइज एंड वर्कर यूनियन