लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजनीति में रोज कोई न कोई नया रंग देखने को मिल रहा है। अभी तीन एलएमसी के इस्तीफे और उनके भाजपा ज्वाइन करने के बाद अज बसपा के एक बड़े नेता व पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज ने बसपा का साथ छोड़ दिया है। इंद्रजीत सरोज को लेकर दो चर्चा है, पहली की उन्होंने खुद पार्टी छोड़ी है, दूसरी यह कि उनको पार्टी से बाहर निकाला गया है।

दोनों ही सूरतों में नुकसान फिलहाल बसपा का ही हुआ है। ऐसी चर्चा भी निकल कर सामने आ रही है कि इंद्रजीत सरोज अब भाजपा का दामन थाम सकते हैं। बताया जाता है कि पार्टी से निकाले जाने की भनक मिलते ही उन्होंने बुधवार को कौशांबी जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया और पार्टी सुप्रीमो मायावती पर रुपये के लेनदेन का आरोप लगाया।
रात में इलाहाबाद में जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने प्रेस वार्ता में कहा कि इंद्रजीत सरोज की बयानबाजी से आजिज आकर उनको पार्टी से निकाल दिया गया है। इंद्रजीत सरोज ने करीब 250 समर्थकों के साथ पार्टी के जिलाध्यक्ष हरीलाल बौद्ध को इस्तीफा सौंप दिया।
इलाहाबाद में रात में पत्रकार वार्ता में जोनल कोआर्डिनेटर डा.अशोक गौतम ने बताया कि अब इंद्रजीत साजिश के तहत उल्टी-सीधी बयानबाजी कर रहे हैं। किसी और पार्टी में इनका जाना तय हो गया हैए इसीलिए पार्टी सुप्रीमो मायावती पर फर्जी आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज की तारीख में वे पार्टी में किसी पद पर नहीं थे उन्हें दो दिन पहले ही लखनऊ के जोनल कोआर्डिनेटर पद से हटाया जा चुका था।
राष्ट्रीय महासचिव पद से उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही हटा दिया गया था। एक के बाद एक बसपा का साथ छोड़ रहे उसके नेताओं की लिस्ट लम्बी होती जा रही है और पार्टी के असत्तिव पर भी सवाल उठने लगा है। वहीं दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती पार्टी को फिर से खड़ा करने की पूरी कोशिश में लगी हुई है।
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