लखनऊ: हसनगंज के डालीगंज इलाके में बाल श्रम के खिलाफ अभियन के दौरान पुलिस ने कई बच्चों को पकड़ा थाने ले आयी। इसके बाद कुछ व्यापारी थाने पहुंचे और पुलिस से इस संबंध में बातचीत करने लगे। आरोप है कि थाने पर मौजूद एक महिला सिपाही ने व्यापारियों के साथ अभद्रत व्यवहार किया। इसके बाद इंस्पेक्टर हसनगंज पीके झा ने व्यापारियों की बात सुनने के बजाये उलटा उन्हीं पर लाठियां चला दी। बस इसी के बाद स्थानीय व्यापारी भड़क उठे और दुकान बंदकर थाने का घेराव कर दिया। प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने इंसपेक्टर हसनगंज को निलम्बित किये जाने की मांग की है।
बताया जाता है कि गुरुवार को हसनगंज के डालीगंज इलाके में बाल श्रम के खिलाफ एक अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत पुलिस ने दुकान में काम करने वाले कम उम्र के कुछ बच्चों को पकड़ा। आरोप है कि बाल श्रमिकों के साथ ही पुलिस उन बच्चों को भी पकड़ लायी जो दुकान पर सामान खरीदने के लिए आये थे। पुलिस ने करीब 16 बच्चों को पकड़ा। इसके बाद कुछ दुकानदार हसनगंज कोतवाली इस संबंध मेें बातचीत करने के लिए पहुंचे।
आरोप है कि कोतवाली पर मौजूद एक महिला सिपाही ने दुकानदार से अभद्रता की। इस बीच इंस्पेक्टर हसनगंज पीके झा भी वहां आ गये। व्यापारियों का आरोप है कि इंस्पेक्टर ने उनकी बात सुनने बिना ही उन पर लाठियां चला दी। इस घटना में दो लोगों को चोट भी लगी। इसके बाद कोतवाली में मौजूद दुकानदार व व्यापारी बाहर आये और अपने साथ हुई इस घटना के बारे में अन्य व्यापारियों को बताया।
पुलिस के इस रवैय्ये की बात सुनते ही स्थानीय व्यापारी भड़क उठे और सड़क पर उतार आये। देखते ही देखते इलाके की सभी दुकान बंद कर दी गयी। नाराज व्यापारियों की भीड़ हसनगंज कोतवाली के बाहर जमा होकर सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगी। व्यापारियों ने इस घटना के संबंध में इंस्पेक्टर हसनगंज पीके झा को फौरन निलम्बित किये जाने की मांग रखी। करीब दो घंटे तक व्यापारियों का प्रदर्शन चलता रहा। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर एसएसपी दीपक कुमार भी पहुंचे। उन्होंने नाराज व्यापारियों से बातचीत कर कार्रवाइ्र का आश्वासन दिया।