ध्यान दें ! चोटी कटने की घटना कहीं सालों पहले मुंह नुचवे जैसी कोरी आफवाह तो नहीं

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कोरी आफवाहों ने लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है। आज से कुछ दश्क पहले इस तरह की एक आफवाह ने प्रदेशवासियों का चेन व सकून छीन लिया था। 2000 और 2001 के बीच यूपी में मुंह नुचवा की आफवाह उठी थी। अब ऐसा लग रहा है कि महिलाओं की चोटी काटने की घटना भी ठीक उसी मुंह नुचवा की आफवाह की तरह है। जैसे उस वक्त किसी ने मुंह नुचवे को नहीं देखा था , वैसे ही अब तक किसी ने चोट काटने वाले को अपनी आखों से नहीं देखा है।


इस आफवाह की चलते आगरा में चोटी काटने वाली भूत समझकर एक महिला की पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया। एक महिला की हत्या के बाद पुलिस व प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। गृह विभाग ने जिले के डीएम व एसपी को आफवाहों पर रोक लगाने और लोगों को इस आफवाह को न मानने के लिए जागरूक करने के लिए कहा है।

वहीं जिन जिलों से ऐसी घटना की खबरें आई हैं वहां के पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि जो घटना हुई उसका खुलासा करें और सच सामने लाएं। जिससे लोगों में खौफ दूर किया जा सके। पुलिस अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह रात में गश्त कर अराजक तत्वों पर कार्रवाई करें। मथुरा, आगरा, गाजियाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम व फरीदाबाद में हुईं इन घटनाओं से महिलाएं खौफजदा हैं। मंगलवार रात व बुधवार को भी पांच किशोरियों समेत 28 महिलाओं की चोटी कटने की घटना सामने आ चुकी है। यूपी के इटावा व अलीगढ़ जनपद से भी चोटी काटने की घटना की सूचना मिली है।
फिलहाल चोटी काटने की घटना अभी तक सिर्फ और सिर्फ एक आफवाह मात्र है। इस आफवाह पर ध्यान देना ठीक उसी तरह है जैसे कुछ साल पहले लोगों ने बिना देखे ही मुंह नुचवे का डर अपने दिलों में बैठा लिया था। शायद आप मुंह नुचवे के बारे में भूल गये होंगे, तो हम बताये देते हैं। वर्ष 2000 और 2001 के बीच गरमियों के मौसम में एक अजीब की चीज उड़ती हुई आसाम से देखने जाने की बात कही जाती थी।

इसके बाद यह उठती हुई चीज कभी भी किसी के भी चेहरे पर हमला कर उसको घायल कर देती थी। मुंह नुचवा के हमले का शिकार हुए कई लोग सामने आये थे, पर कभी किसी ने अपनी आंख से मुंह नुचवे को नहीं देखा था। अब ऐसा लग रहा है कि चोटी काटने वाली घटना ठीक उसी मुंह नुचवे की आफवाह की तरह है। जैसे समय गुजरने के साथ ही मुंह नुचवे का खौफ खत्म हो गया था, वैसे ही चोटी काटने की घटना भी थम जायेगी।

पर जो सबसे अहम बात निकल कर सामने आ रही है, कि इस आधुनिक युग में भी अब बिना कुछ देख और समझे इस तरह की आफवाहों पर ध्यान देकर अपना सकून खो बैठते हैं। इस तरह की झूठी आफवाह फैलाने वाले कौन है? और उनका मकसद क्या है? यह जानना सबसे अहम है। पुलिस व प्रशासान को इस तरह की आफवाह फैलाने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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