लखनऊ: अब जल्द ही मोदी मंत्रीमण्डल में कुछ बड़े फेरबदल होने की चर्चा तेज हो गयी है। ऐसा माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन मोदी मंत्रीमण्डल में कुछ नये चेहरे देखने को मिल सकते हैं और कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी हो सकती है। वहीं यूपी भाजपा का अध्यक्ष भी 15 अगस्त के बाद चुना जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का नाम फिलहाल अभी तय नहीं है, पर ऐसी चर्चा है कि इस बार प्रदेश अध्यक्ष या तो ओबीसी हो सकता है , या फिर सवर्ण वर्ग का। फिलहाल यह तय जरुर है कि प्रदेश अध्यक्ष का नाम भाजपा हाई कमान 15 अगस्त के बाद ही तय करेगी। वहीं इस बीच एक बड़ी जानकारी यह निकल कर सामने आ रही है कि मोदी मंत्री मण्डल से यूपी केडर के कुछ मंत्रियों की छुट्टïी भी हो सकती है।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मौजूदा समय में यूपी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर एक दर्जन से अधिक नेता मंत्रीमण्डल में शामिल है। मोदी मंत्रीमण्डल में यूपी से मंत्रियों को संख्या इसलिए ज्यादा रखी गयी थी क्योंकि उस वक्त यूपी में चूनाव होने थे। अब जब भाजपा ने यूपी में अपनी जीत दर्ज करा ली है और आने वाले समय में गुजरात, पश्चिम बंगाल व अन्य जगहों पर चूनाव होना है तो ऐसे मेें यूपी केडर से कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है। फिलहाल ऐसी उम्मीद है मोदी मंत्रीमण्डल में अब उन राज्यों के नेताओं को तरजीह मिल सकती है जहां पर चुनाव होने हैं।
सूत्र यह बताते हैं कि 15 अगस्त के बाद विस्तार के पीछे का कारण यह है कि 11 अगस्त तक लोकसभा का मानसून सत्र है। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम हैं। इन सब के निपटने के बाद मोदी केबिनेट में विस्तार और यूपी का प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मोहर लग सकती है। इन सबके बीच एक और अहम बात निकलकर सामने आयी है, वह यह कि पश्चिम यूपी के एक मंत्री का नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे है। अगर उनको प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जाता है तो मंत्री का पद ले लिया जायेगा।
यह सब चर्चाएं उस वक्त निकल कर सामने आयीं जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय दौरा खत्म हुआ। माना जा रहा है कि अमित शाह लखनऊ दौरे पर न सिर्फ पार्टी व संगठन को मजबूत करने के लिए आये थे, बल्कि उन्होंने जमीनी हकीकत भी जानने की कोशिश की कि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर किसी का नाम नीचले स्तर पर चल रहा है और मोदी केबिनेट में शामिल यूपी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड क्या कहता है।