लखनऊ : गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। सीएम के दफ्तर से अब इस बात का ट्विट कर जानकारी दी गयी है कि सीएम ने इस मामले में गहन जांच के आदेश दिये हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

सीएम से लेकर शासन के हरकत में आने के बाद अब इस बात की चर्चा तेज हो गयी है कि इस पूरे मामले में डीएम गोरखपुर और बीआरडी कालेज के अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। शनिवार की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ ने केबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन व सिद्घार्थ नाथ को अपने आवास बुलाकर इस पूरे मामले में बातचीत की और दोनों ही मंत्रियों को जमीनी हकीकत जाने के लिए फौरन गोरखपुर रवाना कर दिया गया।
कल तक इस पूरे मामले में शासन इस बात का तर्क दे रहा था कि किसी की भी मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। वहीं बीआरडी कालेज में हुई इस दर्दनाक घटना के बाद अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया था। इस पूरे मामले में सरकार के मंत्री ने मौत पर राजनीति को गलत बताया था। अब इस मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं।
उनका कहना है कि आक्सीजन की कमी से हुई मौत को छुपाने के लिए मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। यहां तक कि उनके एडमिट होने के दस्तावेज को भी गायब कर दिया गया। इस पूरे मामले में यूपी के सीएम की तरह से कल रात तक कोई बयान नहीं आया था। शनिवार को इस मामले में यूपी के सीएम ने अपनी चुप्पी तोड़ी।
सीएम की तरफ से उनके दफ्तर से टिवट् कर इस बात की जानकारी दी गयी कि मामले की गहनता से जांच करायी जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। सूत्र यह भी बताते हैं कि बीआरडी कालेज में आक्सीजन सप्लाई करने वाली कम्पनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते के साथ ही उसको ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।
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