लखनऊ: बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की स्थिति और भी अधिक खराब होती जा रही है। गोरखपुर में राप्ती नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नदी ने खतरे का निशान भी पार कर लिया है जिसके चलते अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं महाराजगंज में भी हालात बेहद खराब है।

गोरखपुर में राप्ती नदी का जल स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर होने से शहरवासियों में डर का माहौल बना हुआ है। शहर के बाहर बंधे पर बनाया गया फाटक क्षतिग्रस्त होने से नदी का पानी शहर के मोहल्लों में आने लगा है। कमिश्नर, डीएम मौके पर हैं। वहीं नदी के किनारे एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पुरी तरह तैयार है। इसके अलावा महराजगंज जनपद में बाढ़ खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। नेपाल की पहाडिय़ों व बारिश के पानी से महराजगंज जिले की गंडक छोड़ सभी राप्ती, रोहिन, चंदन, प्यास सभी नदियां खतरे की निशान से उपर बह रही हैं।
मंगलवार को चेहरी बांध टूटने से महराजगंज- फरेंदा मार्ग पर चार पहिया वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया है। चेहरी में नाव के माध्यम से ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है। जबकि बुधवार को रोहिन नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए पनियरा क्षेत्र के हरखपुरा गांव को प्रशासन ने खाली कराना शुरू कर दिया है।
चौक क्षेत्र के चानकी घाट के निकट रहने वाले 300 लोगों के फंसे होने की सूचना पर अपर जिलाधिकारी व उद्यान अधिकारी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को नाव के माध्यम से बाहर निकलवाने के प्रयास में जुटे हैं।
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