अगर कश्मीर में एक आतंकी को मारोगे तो 10 और बंदूक उठाने को तैयार होंगे। नई दिल्ली में बैठे लोग सोचते हैं कि सभी आतंकियों को मारकर कश्मीर समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि आतंकवाद दमन की प्रतिक्रिया है। यह बात हुर्रियत (म) के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कही।

57 दिनबाद शुक्रवार को हाउस अरेस्ट से रिहा होने के बाद मीरवाइज ने जुमा की नमाज से जामिया मस्जिद में लोगों के सामने अपना खुतबा पेश किया। मीरवाइज ने कहा कि प्रतिदिन पढे़ लिखे युवा मारे जाते हैं और नई दिल्ली में बैठे कुछ लोगों में एक विश्वास है कि इन सबको मारे जाने से समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि इन लड़कों ने दमन की प्रतिक्रिया के रूप में और विवाद के समाधान के लिए हथियार उठाए थे।
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मीरवाइज ने कहा कि जब तक राज्य में सुरक्षाबलों की मौजूदगी और दमन जारी रहेगा, तब तक चाहे आप एक आतंकी को मारो, लेकिन दस अन्य हथियार उठाने के लिए तैयार होंगे। इसलिए उन्हें मारने से भावनाएं नहीं मर सकतीं, जो उनके जनाजों के दौरान देखने को मिलती हैं।
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