लखनऊ: अपनी मांगों को लेकर सड़क से विधानसभा तक प्रदर्शन कर रहे शिक्षा मित्र मांगों को मनवाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। वह हर तरह इसका प्रयास कर रहे हैं कि उनकी मांग पूरी कर ली जायेगी। अब यूपी के अमरोहा जनपद में शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा आंदोलन के तीसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम खून से चिट्ठी लिखी तथा कटोरा लेकर सड़क उतर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भीख मांगी।
भीख मांगते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। पहले डीएम से भीख मांगी बाद में खून से लिखा खत सौंपा। इससे पूर्व सुबह के समय शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर तालाबंदी कर गेट पर धरना दिया था। सोमवार से शिक्षामित्र लखनऊ मुख्यालय पर धरना देगे। इसके लिए शिक्षामित्र रविवार को लखनऊ रवाना होगे।
समायोजन निरस्त होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मांग पूरी न करने पर तीसरे दिन शिक्षामित्रों का आंदोलन उग्र हो गया। शनिवार को सुबह के समय शिक्षामित्रों ने बीएसए आफिस के गेट पर ताला जड़ दिया। गेट के बाहर ही दरी बिछा कर धरना देना शुरू कर दिया। धरने में जिलाध्यक्ष योगेश भड़ाना ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले 16 सालों से सेवा दे रहे है। अधिक उम्र होने के कारण उनके सामने रोजगार का कोई विकल्प नहीं बचा हैए ऐसी दशा में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है।
जबकि समस्त शिक्षामित्र स्नातक और बीटीसी योग्यता धारी है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता है आंदोलन जारी रहेगा। शिक्षामित्र अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगे। धरने के बाद शिक्षामित्र हाथ में कटोरा लेकर निकल पड़े तथा कलक्ट्रेट तक भीख मांगते गए। जो भी रास्ते में मिलाए प्रधानमंत्री मोदी केनाम पर भीख मांगी।
कलक्ट्रेट पहुंचकर खून से लिखा पत्र डीएम को सौंपा। बीएसए आफिस में धरने के दौरान शिक्षामित्रों ने अपना खून निकालकर एकत्र किया। धरने में सभी के बीच बैठकर खून से खत लिखा। मुख्यमंत्री से अपना मान सम्मान दिलाने की मांग की। कहा कि शिक्षामित्रों ने अपना जीवन बच्चों को शिक्षित करने में लगा दिया और जो समय बचा हैए उसमें अन्य कोई काम नहीं कर सकते है।