उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के परिपेक्ष्य में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श किया और जरुरी कार्रवाई के निर्देश दिये।
किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए: CM
मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के पश्चात यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा “ 69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने के लिये विभाग को निर्देश दिए हैं।” योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए। साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सीएम योगी ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने दिया है आदेश
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद सरकार ने तेजी से इस पर मंथन शुरू किया है। हाईकोर्ट ने शनिवार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में फैसला देते हुए मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती में अब तक बनाई गई सभी चयन सूचियों को रद्द कर नई चयन सूची बनाकर आरक्षण नियमावली 1994 में निहित प्रावधानों के अनुसार नियुक्ति किए जाने का आदेश दिया था।
गौरतलब हो कि शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का दावा था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला है, यानी 18598 सीटों में से ओबीसी वर्ग को सिर्फ 2637 सीटें ही मिलीं। जबकि उस वक्त सरकार का कहना था कि ओबीसी वर्ग से करीब 31 हजार लोगों की नियुक्ति हुई।
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