लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष का नाम भाजपा हाईकमान में लभगभ तय कर लिया है, पर अभी नाम का औपचारिक खुलासा नहीं किया गया है। बताया जाता है कि चार नेताओं के नाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं। दो नामों में मोदी कैबिनेट के दो मंत्री भी शामिल हैं।
उम्मीद है कि 5 सितम्बर तक यूपी भाजपा अध्यक्ष का चयन कर लिया जायेगा। भाजपा हाईकमान से लेकर उत्तर प्रदेश के भाजपा संगठन ने अध्यक्ष की दौड़ में चल रहे कई नामों में से चार नामों को चयनित किया है। इनमें से पहला नाम मोदी कैबिनेट में शामिल पश्चिमी यूपी के मंत्री संजीव बालियान, दूसरा नाम महेन्द्र नाथ पाण्डेय, तीसरा नाम योगी कैबिनेट के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और चौथा भाजपा यूपी के जनरल सैकरेटी अशोक कटारिया का शामिल है।
बताया जाता है कि यूपी भाजपा का अध्यक्ष का चयन 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जायेगा। यूपी भाजपा अध्यक्ष के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। नये अध्यक्ष को 2014 में मिली भाजपा की यूपी में जीत को बरकरार रखना होगा। भाजपा सूत्रों की माने तो प्रदेश अध्यक्ष इस बार पश्चिमी यूपी से होगा। इसके पीछे तर्क यह है कि खुद पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और मौजूदा भाजपा अध्यक्ष केश्व प्रसाद मौर्य पूर्वी यूपी से हैं।
ऐसे में इस बार भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी पश्चिमी यूपी के नेता के कंधों पर होगी। अगर अशोक कटारिया को अध्यक्ष चूना जाता है तो उसके पीछे तर्क है कि वह पश्चिम यूपी के गुजर समुदाय से आते हैं। वहीं अगर संजीव बालियान की बात की जाये तो वह जाट समुदाय का प्रतिनिधत्व करते हैं। वहीं स्वतंत्र देव सिंह औरेया से हैं और कुर्मी समुदाय से तालुक रखते हैं। वहीं स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी की यूपी में होने वाली अलग-अलग रैलियां में काफी अहम भूमिका भी निभा चुके हैं।
वहीं महेन्द्र नाथ पाण्डेय को अगर अध्यक्ष चुना जाता है तो उसके पीछे ब्राहम्ण समीकरण काम करेगा। फिलहाल अभी तक जो बात निकल कर सामने आ रही है कि भाजपा हाईकमान 5 सितम्बर तक प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित कर देगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो पितृपक्ष के बाद यानि 20 सितम्बर के बाद ही भाजाप प्रदेश अध्यक्ष चुना जायेगा।