यह दुनिया दरिंदों से भरी पड़ी है, यह कहना गलत नहीं होगा। आए दिन इंसानियत को शर्मसार करने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन एक सात साल की मासूम पर जो जुल्म हुआ उसे जानने के बाद किसी का भी इंसानियत पर से विश्वास उठ जायेगा। क्योंकि इस मासूम पर जुल्म करने वाले कोई गैर नहीं बल्कि उसकी ही सगी बहन और जीजा थे। अपने मां-बाप को खोने के बाद इस नन्ही सी जान पर जो मुसीबते आई उसे बयां कर पाना भी आसान नहीं है।
मासूम बच्ची का 200 रूपये में सौदा करता था जीजा
एक साल पहले अपने मां-बाप को खोने के बाद मासूम बच्ची को उसकी दीदी रीना और जीजा अर्जुन अपने घर ले गए और तभी से शुरू हैवानियत का गन्दा खेल। बच्ची के साथ उसके जीजा जबरदस्ती करने लगा और इस काम में उसकी दीदी भी पूरा सहयोग करती थी। इतना ही नहीं जीजा ने अपने एयरफोर्स कर्मचारी मकान मालिक ईश्वर लाल के आलावा दो और लोगों के साथ इस बच्ची का सौदा महज 200 रुपये में करना शुरू कर दिया।
मासूम बच्ची जब इसका विरोध करती तो उसे घंटों भरी दोपहर में छत पर खड़े होने की सजा मिलती। ये सब उसकी दीदी रीना की आंखो के सामने हो रहा था और वो बस तमाशे का लुफ्त उठा रही थी। वह अपने पति का पूरा साथ निभाती
अर्जुन का जब ही उस मासूम के साथ जबरदस्ती करके मन भर गया तब उसने अपने माकन मालिक ईश्वर लाल को भी बच्ची के शोषण की छूट दे दी। इसके बाद अर्जुन ने ईश्वरलाल के घर आने जाने वाले दो और लोगों के सामने भी अपनी साली को परोसने लगा।
इस तरह हुआ खुलासा
30 मार्च को चाइल्ड लाइन के दफ्तर में मासूम की दीदी-जीजा की पड़ोसी ब्रजेश कुमारी और पार्वती देवी ने सूचना दे कर मासूम पर हो रहे अत्याचार के बारे में बताया। खबर मिलते ही चाइल्ड लाइन की टीम के सदस्य उस घर का मुआयना कर लौट आए।
इसके बाद 31 मार्च को बाल अपराध शाखा, चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास विभाग की टीम ने घर में दबिश दी, और मासूम को मुक्त कराकर अपने साथ ले आए।