विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष (2018-19) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.3 फीसदी पर पहुंच जाएगी। हालांकि विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान 6.7 फीसदी पर यथावत रखा है। साथ ही वर्ष 2019-20 के लिए 7.5 फीसदी की विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि चालू कारोबारी साल की दिसंबर तिमाही में चीन को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की सबसे तेज विकास दर वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरा था। दिसंबर तिमाही में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी रही थी, जबकि चीन की 6.8 फीसदी।
विश्व बैंक के भारत के कंट्री डाइरेक्टर जुनैद अहमद ने बुधवार हो यहां इंडिया डेवलपमेंट अपडेट : इंडियाज ग्रोथ स्टोरी नामक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत के विकास में स्थिरता है। पिछले एक दशक में इसकी औसत विकास दर सात फीसदी रही है। यह विकास बहुआयामी है तथा जोखिमों से बहुत ज्यादा प्रभावित होने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक और समावेशी विकास के लिए भूमि और पानी का ज्यादा उत्पादक तरीके से इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि ये प्राकृतिक संसाधन हैं और यह सीमित होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास को ज्यादा समावेशी और सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत बनाने की जरूरत होगी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.7 फीसदी रहेगी। हालांकि इसमें यह भी बताया गया है कि अर्थव्यववस्था में यदि आठ फीसदी से ज्यादा की विकास दर चाहिए तो सरकार को लगातार सुधार के लिए कदम उठाने होंगे। साथ ही साख एवं निवेश से जुड़े मसलों को भी हल करना होगा और निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे, ताकि यहां के निर्यातक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के सामने टिक सकें।
भारत को मिलेगा ज्यादा कर्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का मुख्य वाहक बना रहेगा। यहां औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने के लिए तैयार हैं और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के देशभर में लागू करने के बाद विनिर्माण संबंधी गतिविधियों के जोर पकड़ने की संभावना है। कृषि क्षेत्र के उसके दीर्घावधि औसत की दर से ही विकास करने की उम्मीद है।
सरकार का भी 7-7.5 फीसदी विकास का अनुमान
उल्लेखनीय है कि भारत की विकास दर अप्रैल-जून की तिमाही में घट कर 5.7 फीसदी तक सिमट गई थी जो कि पिछले तीन साल का न्यूनतम स्तर है। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) से वर्ष 2017-18 के लिए जो दूसरा अग्रिम अनुमान आया है, उसमें इस अवधि के लिए विकास दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे एक वर्ष पहले की विकास दर 7.1 फीसदी थी। संसद के चालू बजट सत्र में जो आर्थिक समीक्षा पेश की गई है, उसमें भी अलग वित्त वर्ष के लिए सात से साढ़े सात फीसदी की विकास दर का अनुुमान लगाया गया है।
भारत को मिलेगा ज्यादा कर्ज
इस दौरान जुनैद अहमद ने कहा कि विश्व बैंक अगले पांच वर्षों तक भारत को हर साल करीब एक अरब डॉलर तक ज्यादा ऋण देने की योजना बना रहा है। ऋण की इस राशि का उपयोग मुख्यत: ढांचागत संरचना से जुड़ी परियोजनाओं के निर्माण के लिए हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही विश्व बैंक ने भारत की रैंकिंग में भारी सुधार किया था।