नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान 142 रैलियां कीं जिसमें चार रोड शो शामिल हैं। कुल रैलियों में से 40 फीसदी रैलियां उन्होंने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में की। इन तीनों राज्यों में लोकसभा की कुल 143 सीटें हैं।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी और मध्य प्रदेश के खरगोन में इसका समापन किया। मोदी ने चार रोडशो भी किए और आखिर में एक संवादाता सम्मेलन में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा 29 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में 17 और बीजद शासित ओडिशा में आठ रैलियां कीं।
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भारी जीत दर्ज की थी और 80 में 71 सीटें जीती थी। बंगाल में 42 सीटों में से भाजपा को केवल दो मिली थीं और ओडिशा में 21 सीटों में से एक सीट मिली थी। प्रधानमंत्री ने इस बार यूपी में सबसे ज्यादा समय इसलिए दिया क्योंकि वहां दो चिरप्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन कर लिया है और इससे माना जा रहा है कि इस बार भाजपा के लिए यहां राह आसान नहीं होगी।
बीजेपी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपना नंबर दुरुस्त करना चाहती है और इसीलिए प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बाद इन दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा रैलियां कीं। प्रधानमंत्री और भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल की मदद से पार्टी 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी। पार्टी पिछले दो सालों से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपनी रणनीति बनाने में जुटी थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने कई नेताओं शिव प्रकाश, सौदान सिंह और अरविंद मेनन को वहां भेजा था। पीएम मोदी ने बिहारए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में कुल मिलाकर 50 रैलियां कीं। इन छह राज्यों में लोकसभा की 196 सीटें हैं जिनमें से भाजपा ने पिछले चुनाव में 150 जीती थी। सहयोगी दलों के साथ उसने वर्ष 2014 में 167 सीटों पर जीत दर्ज की थी।