नई दिल्ली: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत शुरू हो गई है। डोकलाम विवाद के बाद मोदी व जिनपिंग की यह पहली मुलाकात है जिसे काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि अब तक डोकलाम विवाद के बाद पीएम और जिनपिंग की ये पहली औपचारिक मुलाकात हो रही है।
राष्ट्रपति जिनपिंन ने आपसी सहयोग का संदेश देते हुए कहा कि हम पड़ोसी हैं और दोनों ही देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैंए जो तेजी से उभर रही हैं। जिनपिंग ने द्विपक्षीय बातचीत में ये भी कहा कि वो भारत के साथ मिलकर पंचशील समझौते के पांच सिद्धांतों पर काम करने को तैयार है। इससे पहले पीएम मोदी ने जिनपिंग को ब्रिक्स समिट के सफल आयोजन की बधाई दी है और जिनपिंग से कहा कि बैठक से ब्रिक्स देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक दोनों देशों के नेताओं के बीच यह मुलाकात डोकलाम विवाद को पूरी तरह से खत्म करने के नजरिए से भी काफी अहम मानी जा रही है।
बता दें कि नौवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चीन के शियामेन शहर में रविवार से चल रहा है। इस मुलाकात से ठीक पहले पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों को संबोधित किया जिसमें उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद को खत्म करना है तो सभी देशों को मिलकर ये करना होगा। वहीं पीएम ने आपदा प्रबंधन, साइबर क्राइम जैसे मुद्दों पर भी फोकस किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तेज विकास को प्रोत्साहन देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच एक मजबूत भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि इस संगठन ने सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया है और अनिश्चितता की ओर जाती दुनिया में स्थिरता के लिए योगदान दिया है।
चीन के शियामेन शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि व्यापार और अर्थव्यवस्था ब्रिक्स से जुड़े पांचों देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग की नींव है। ब्रिक्स सम्मेलन के पहले दो दिनों में भारत ने ना केवल अपनी मजबूत दावेदारी पेश की बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत भी हासिल की।
आपको बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में पहली बार पाकिस्तान के आतंकी समूहों का नाम शामिल किया जाना भारतीय कूटनीति खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बहुत बड़ी जीत है। पीएम इससे पहले जी-20 से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक के हर मंच से आतंकवाद को लेकर दुनिया के दोहरे मापदंड पर हमला बोल चुके हैं।