बहराइच: एक मां की ममता के बारे में हर इंसान बहुत अच्छे से जानता है। पर कभी-कभी एक मां की ममता इतनी बलवान हो जाती है कि वह अपने बच्चे के लिए मौत से भी लड़ जाती है। ऐसी ही एक बहादुर मां ने अपनी बच्ची को न सिर्फ तेंदुए के मुंह से बचाया बल्कि तेदुंए को भी वहां से भगा। हमले में मां-बेटी बुरी तरह घायल हो गये। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ से 135 किलोमीटर दूर बहराईच जनपद के मोतीपुर रेंज के नैनिहा गांव में मंगलवार रात खाना खाने से पूर्व हाथ धोने के लिए हैंडपंप पर गई नौ वर्षीय संजनी पर तेंदुए ने हमला कर दिया। चीख सुनकर मां सुनैना दौड़ी तो बेटी का सिर तेंदुए के जबड़े में कसा देखा। पल भर के लिए तो वह सहम गई।
फिर तेंदुए पर लात.घूसों से हमला कर उसके जबड़े से बेटी को छुड़ा लिया। इसके बाद तेंदुआ मां.बेटी दोनों पर हमलावर हो गया। इस पर सुनैना शोर मचाते हुए चूल्हे में जलती लकड़ी के साथ तेंदुए से भिड़ गई। मां.बेटी की चीख.पुकार सुनकर गांव वाले एकत्र हुए और हाका लगाते हुए मशाल जलाया। इसे देख तेंदुआ को जंगल की ओर भाग गया और मां.बेटी की जान बच सकी।
हमले में घायल बच्ची को मोतीपुर सीएचसी ले जाया गया जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 20 मिनट तक चले इस संघर्ष के बाद गांव के लोग एकत्र हो गए। लोगों ने हांका लगाते हुए मशाल जलाया। तब तेंदुआ जंगल की ओर गया। रात में ही बालिका के जख्मी होने की सूचना रेंज कार्यालय पर दी गई लेकिन कोई भी वनकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा।
परिवारीजनों ने ग्रामीणों की मदद से मासूम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रए मोतीपुर पहुंचाकर भर्ती कराया। वहां पर प्राथमिक उपचार के दौरान मासूम की हालत गंभीर देखकर डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
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