लखनऊ: लम्बे समय से अपनी मांगों को लकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने अब कल दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा होकर प्रदर्शन का फैसला किया है। कल के दिन खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी दिल्ली में ही मौजूद होगें। सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद किए जाने के फैसले के बाद से ही जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षामित्र शिक्षण कार्य छोड़कर पुनरू बहाली के लिए आंदोलित हैं।

उनकी यूपी सरकार से उम्मीदें क्षीण हो चुकी हैं। योगी सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे। पहले सीएम को रविवार की शाम को उन्हें गोरखपुर से दिल्ली जाना था पर बदले कार्यक्रम के अनुसार वह सोमवार को लखनऊ से दिल्ली जाएंगे।
इस बीच शिक्षामित्र अपनी मांगों के समर्थन में 11 सितंबर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने का निर्णय कर चुके हैं। इस धरने को सफल बनाने के लिए उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ नेताओं के साथ जिले और ब्लॉक स्तरीय टोलियों के साथ शिक्षामित्र दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं।
सोमवार को शिक्षामित्रों का बड़ा जमावड़ा दिल्ली में होने जा रहा है। शिक्षामित्रों के संघर्ष से जुड़े संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों से दुश्मनी निकाल रही है। एटा में सरकारी अत्याचार निंदनीय है। टीईटी तैयारी में जुटे शिक्षामित्रों का आह्वान किया सभी लोग दिल्ली के चार दिवसीय धरना-प्रदर्शन में अवश्य भाग लें। उन्होंने ब्लॉकवार जिम्मेदारी भी सौंपी है।
भाजपा सरकार के प्रति विरोध जता शिक्षामित्रों ने दिल्ली चलो का नारा बुंलद किया। वह फैसला अपने पक्ष में न आने तक वह आंदोलित रहेंगे। आंदोलन से जुड़े नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने लाखों शिक्षामित्रों को बेरोजगारी की लाइन में खड़ा कर दिया है। मानदेय देकर वह जख्मों पर मरहम लगाना चाहती है। सरकार से कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर अब उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने का ऐलान किया है।
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