वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में भाजपा की अनुशासन समिति ने काशी क्षेत्र के तीन पदाधिकारियों को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
इनमें वाराणसी के भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष सिंह, मिर्जापुर के व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारी शैलेंद्र अग्रहरि और प्रतापगढ़ के पदाधिकारी बलवंत सिंह शामिल हैं। इन पर आरोप लगाया गया है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को हराने में लिप्त रहे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई उस समय की है जिस समय प्रदेश अध्यक्ष वर्तमान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रहे। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय के कार्यकाल की कार्रवाई नहीं है। इसे दबा कर रखा गया था जिसे अब जारी किया गया है।
इस बारे में काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि यह प्रदेश की अनुशासन समिति का फैसला है। प्रवक्ता संजय भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने निर्णय लिया है। तथ्य की जानकारी प्रदेश नेतृत्व बताएगी।
पार्टी के अंदरखाने इस कार्रवाई की जबरदस्त चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मनीष सिंह ने प्रेसवार्ता करके प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा पर विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के लिए पैसा मांगने का आरोप लगाया था। जिसे लेकर काफी हो होलहल्ला मचा था।