गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में कक्षा पांच के एक छात्र ने क्लास टीचर की सजा से नाराज को जहरीला पदार्थ खा लिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। बच्चे की मौत के बाद परिवार के लोग भड़क उठे और स्कूल में पहुंचकर जमकर तोडफ़ोड़ की। पिता की तहरीर पर पुलिस ने क्लास टीचर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया।
गोरखपुर शाहपुर के मोहनापुर निवासी रविप्रकाश बापू इंटर कालेज पीपीगंज में शिक्षक हैं। उनका इकलौता बेटा 12 साल का नवनीत प्रकाश शाहपुर स्थित सेन्ट एंथोनी स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ता था। शाहपुर क्षेत्र के मोहनापुर निवासी रवि प्रकाश दुबे का बेटा नवनीत 15 सितंबर की शाम घर में अकेला था। उसकी मां बाजार गई थी।
बड़ी बहन और पिता भी बाहर थे। देर शाम मां बाजार से वापस आईं तो नवनीत एक कमरे में बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उनके शोर मचाने पर एकत्र हुए लोग उसे मेडिकल कालेज ले गएए जहां कल उसने दम तोड़ दिया। परिवार के लोग शव लेकर घर पहुंचे तो भीड़ लग गई।
इकलौते बेटे की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ था। इसी बीच कमरे में सुसाइड नोट मिलने पर लोग भड़क गए। गुस्साए लोग विद्यालय पहुंच गए और तोडफोड़ करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से उनको समझा.बुझाकर शांत कराया लेकिन रात 8 बजे के आसपास लोगों ने असुरन चौराहे के पास स्कूल के सामने मोहद्दीपुर रोड पर जाम लगा दिया।
यह सभी क्लास टीचर को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक नगर विनय कुमार सिंह ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर नौ बजे जाम खत्म कराया। नवनीत ने सुसाइड नोट तो टूटी फूटी अंग्रेजी में लिखा है लेकिन उसके शब्द दिल को छू लेने वाले हैं।
पत्र से साफ पता चल रहा है कि आत्मघाती कदम उठाने से पहले वह किस स्थिति से गुजर रहा था। सुसाइड नोट में उसने जो लिखा वह हूबहू इस तरह से है। आज 15.9.17 मेरा पहला एग्जाम थाए मेरी मैम क्लास टीचर ने 9.15 तक रुलाया, खड़ा रखा इसलिए क्योंकि वो चापलूसों की बात मानती हैं उनकी किसी बात पर विश्वास मत करिएगा पापा कल उन्होंने मुझे तीन पीरियड खड़ा रखा। आज मैंने सोच लिया है कि मैं मरने वाला हूं। मेरी आखरी इच्छा मेरी मैडक अब किसी भी बच्चे को इतनी सजा न दें कि वो कहे बड़ी सजा है। अलविदा पापा-मम्मी और दीदी।