वाराणसी: बीएचयू में गुरुवार की रात बीएफए की एक छात्रा से छेडख़ानी के विरोध में शुक्रवार की सुबह हंगामा मच गया। आक्रोशित सैकड़ों छात्राएं सुबह करीब छह बजे त्रिवेणी हास्टल से जुलूस के रूप में लंका चौराहा स्थित सिंह द्वार पहुंचीं और धरने पर बैठ गईं। छेडख़ानी की घटनाओं से आहत एक छात्रा ने सिर के बाल तक मुंडवा लिए।
विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी के बीच माहौल और गरमाया। सैकड़ों और छात्र-छात्राएं उनके समर्थन में सिंह द्वार पहुंच गए। उन्हें मनाने व समझाने की विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला व पुलिस प्रशासन की कवायद जब शाम तक सफल नहीं हुई तो अफसरों के हाथ-पांव फूल गए।
वजह लंका चौराहे से ही शाम साढ़े सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लीट निकलने वाली थी। उनके दुर्गा मंदिर जाने की तैयारियों के बीच छात्राओं को सिंह द्वार से हटाने की प्रशासनिक अमले की मशक्कत रात आठ बजे तक कामयाब नहीं हो पाई थी। गुरुवार की देर शाम भारत कला भवन के पास बीएफए की एक छात्रा से छेडख़ानी हुई थी। इसकी शिकायत जब उसने वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों से की तो उन्होंने नहीं सुनी।
छात्रा अपने हास्टल पहुंची और वार्डन से शिकायत की। वार्डन ने उस पर ही सवाल उठा दिया कि वो देर शाम हास्टल से बाहर क्यों थी। इसी बात पर छात्राएं नाराज हो गईं। देर रात तक हास्टल में उनका हंगामा चला और सुबह होते ही वो घटना के विरोध में सिंह द्वार पहुंच गईं। बीएफए की ही एक छात्रा ने इसी विरोध में देर शाम सिर मुंडवा लिया। उसका कहना था कि महीने भर पहले वो भी छेडख़ानी की शिकार हुई थी।
छात्राओं के सिंह द्वार पर सुबह छह बजे धरने पर बैठने के कुछ ही देर में सैकड़ों और छात्र-छात्राएं वहां जुट गए। सुरक्षा की मांग को लेकर कुलपति को बुलाने की मांग होने लगी। इसी दिन प्रधानमंत्री का दौरा होने और शाम को लंका चौराहे से ही दुर्गा मंदिर जाने के कार्यक्रम के मद्देनजर विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन उन्हें मनाने में जुट गया। देर शाम तक कई चक्रों में विश्वविद्यालय के अधिकारियोंए शिक्षकों समेत प्रशासनिक अमले ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन छात्राएं नहीं मानीं।