लखनऊ: यूपी लोकसेवा आयोग की तर्ज पर ही टीईटी-2017 की परीक्षा होगी। उसी तरह कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। परीक्षा केन्द्रों पर अभ्यर्थियों के साथ ही कक्ष निरीक्षक और कर्मचारी भी मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और कापियों के खुलने और सील होने के समय वीडियोग्राफी कराए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा परीक्षा केन्द्रों पर मजिस्टे्रटों की तैनाती की जा रही है जिनकी निगरानी में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी। शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद पहली बार आयोजित हो रही टीईटी की परीक्षा काफी अहम है। समायोजन रद्द होने से सहायक अध्यापक पद से हटे एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से बड़ी तादात में शिक्षा मित्र भी इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता 2017 की 15 अक्टूबर को होनी वाली परीक्षा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यूपी लोक सेवा आयोग की ही तर्ज पर यूपी टीईटी 2017 की परीक्षा में कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं। नकलविहीन और पारदर्शी ढ़ंग से परीक्षा कराने के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और कापियों के खुलने और सील होने के समय वीडियोग्राफी कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह के मुताबिक यूपीटीईटी 2017 की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक परीक्षा में 9 लाख 76 हजार 760 परीक्षा सम्मिलित होगें। यूपीटीईटी परीक्षा सकुशल सम्पंन्न कराने के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1634 परीक्षा केन्द्र बनाये गए हैं जबकि सात हजार 751 कक्ष निरीक्षकों और 3270 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही परीक्षा को संपन्न कराने के लिए 356 सचल दलों का भी गठन किया गया है।
मुख्य सचिव के निर्देश पर परीक्षा केन्द्रों पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जा रही है जिनकी निगरानी में परीक्षा सम्पन्न करायी जायेगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह के मुताबिक नकल रोकने के लिए परीक्षा केन्द्रों पर भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। टॉयलेट के बहाने परीक्षार्थी एकजुट न हो सकें इसके लिए भी सुरक्षाकर्मियों को आसपास तैनात किया जायेगा।