दिल्ली : लोगों की पाकेट पर पेट्रोल व डीजल के दाम एक बार फिर डाका डाल सकते हैं। केंद्र सरकार और कुछ राज्यों की सरकारों ने दिवाली से पहले पेट्रोल- डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती करने के बाद भी लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चा तेल दो साल के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

इससे आने वाले दिनों पेट्रोल के दाम एक बार फिर से 80 रुपये के पार पहुंच सकता है। डीजल के दाम भी 70 रुपये को पार कर सकते हैं। विश्व में कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। एक बैरल में करीब पांच लीटर कच्चा तेल आता है। इससे पहले जुलाई 2015 में कच्चा तेल इस कीमत पर पहुंचा था।
इससे पहले इस साल की शुरुआत में कच्चा तेल 55 डॉलर प्रति बैरल था जो कि जून में 44 डॉलर तक आ गया था। ओपेक देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन 1.8 मीलियन बैरल घटा दिया हालांकि डिमांड ज्यादा होने के कारण इसकी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
वैश्विक संकेतों से लगता है कि कच्चे तेल की कीमतें आगे और बढ़ेंगी जिससे देश में भी इसका असर देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक पेट्रोल व डीजल एक बार फिर से अपने उच्चतम स्तर पर जा सकता है। लोगों पर इसका बोझ ज्यादा न पड़े इसके लिए इन्हें जल्द से जल्द जीएसटी के दायरे में लेकर के आना पड़ेगा।
अगर पेट्रोल व डीजल की कीमतें और बढ़ी तो महंगाई का असर देखने को मिलेगा और यह केंद्र के साथ ही साथ सभी राज्यों की सरकारों के लिए मुश्किल में डाल सकता है। 3 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले वैट की दरों में कटौती की थी। उस दिन दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रुपये था।
4 अक्टूबर को यह घटकर 68.38 रुपये हो गया था। 1 नवंबर को एक बार फिर से यह 69.14 रुपये हो गया है। इस हिसाब से ही देश के अन्य शहरों में फिर से दाम एक माह के पुराने स्तर से ज्यादा पर पहुंच गए हैं। ये ही हाल डीजल का है।
वैट कटौती की घोषणा से पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली में डीजल 59.14 रुपये था। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद 4 अक्टूबर को यह करीब 2.25 रुपये घटकर 56.89 हो गया था। इसके बाद भी डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं और 1 नवंबर को यह 57.73 रुपये हो गया है।
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
		
		 
						
					 
						
					