लखनऊ: बिहार पुलिस और दिल्ली पुलिस के नाम पर काल गल्र्स और उनके दलालों यानि स्कार्ट सर्विस से जुड़े लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूटपाट करने वाले दो बदमाशों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने पकड़े गये आरोपियों के पास से दो तमंचे, बिहार पुलिस का बैज, हथकड़ी, वायरलैस सेट और घटना में प्रयुक्त कार बरामद की है। इस वारदात में शामिल एक बदमाश अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि आरोपी स्कार्ट सर्विस देने वाले ब्रोकरों और स्कार्ट को पहले फोन कर बुलाते हैं और फिर खुद को दिल्ली और बिहार पुलिस का बताकर वसूली करते थे।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि फूलबाग कालोनी निवासी नीरज कुमार पढ़ाई करने के साथ ही प्राइवेट काम करता है। बताया जाता है कि 11 अक्टूबर की रात वह अपनी बाइक से चिनहट के सुषमा अस्पताल के पास खड़ा था। इस बीच एक कार सवार तीन लोग उसके पास पहुंचे। उन लोगों ने उसको बातचीत के लिए बुलाया।
वह जैसे ही कार के पास पहुंचा कार सवार लोगों ने जबरन उसको अपनी कार में बैठा लिया और लेकर सीधे कानपुर पहुंच गये। इसके बाद कार सवार लोगों ने खुद को बिहार पुलिस का बताते हुए फंसाने की धमकी दी। आरोपी कार सवार लोगों ने नीरज से रुपये की मांग की। अपनी जान बचाने के लिए नीरज ने अपने दो एटीएम कार्ड से उन लोगों को 71 हजार रुपये निकालकर दिये। आरोपियों ने इस बीच नीरज का पर्स भी छीन लिया। पर्स में 10 हजार रुपये व अन्य सामान रखा हुआ था। इसके बाद आरोपी कार चालक नीरज को उन्नाव जनपद में छोड़कर फरार हो गये।
इस घटना के बाद नीरज किसी तरह अपने घर पहुंचा। उसने इस संबंध में 14 अक्टूबर को चिनहट कोतवाली में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करायी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चिनहट पुलिस ने छानबीन शुरू की। छानबीन के दौरान बीती रात चिनहट पुलिस ने कमता तिराहे के पास से एक कार सवार दो संदिग्ध लोगों को पकड़ा। तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास से दो तमंचे, 3200 रुपये नकद, बिहार पुलिस का बैज, हथकड़ी और वायरलैस हैण्डसेट बरामद किया।
पूछताछ की गयी तो पकड़े गये आरोपियों ने अपना नाम बिहार निवासी अनिल सिंह और राहुल सिन्हा बताया। आरोपियों ने नीरज के साथ हुई वारदात को अपने साथी बिहार निवासी अमित कुमार सिंह के साथ अंजाम देने की बात कबूली। अब इस मामले में चिनहट पुलिस फरार अमित कुमार सिंह की तलाश में लगी है। पकड़ा गया आरोपी अनिल ङ्क्षसह पटना के चर्चित व्हाइट हाउस हत्याकाण्ड में शामिल रह चुका है। वहीं आरोपी राहुल सिंह दिल्ली और उसके आसपास कई लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है।
इस तरह करते हैं पूरी वारदात
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि बदमाशों का यह गैंग स्कार्ट सर्विस देने वालों लोगों और ब्रोकर के मोबाइल नम्बर इंटरनेट की मदद से तलाशते थे। नम्बर मिलने के बाद यह लोग उन लोगों से सम्पर्क करते थे। सम्पर्क होने के बाद आरोपी स्कार्ट सर्विस देने वालों को स्कार्ट के साथ मिलने के लिए बुलाते थे। जैसे ही वह लोग आरोपियों से मिलने के लिए पहुंचते थे, यह लोग खुद को कभी दिल्ली पुलिस तो कभी बिहार पुलिस का नाम बताकर जबरन अगवा कर लेते थे। इसके बाद आरोपी रुपये वसूलने के बाद स्कार्ट सर्विस ब्रोकर और एक्सकार्ट को छोड़ दिया करते थे।
कई राज्यों और यूपी में कई जगह की वारदात
एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि पकड़े गये बदमाशों के इस गैंग ने अब तक दिल्ली, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, यूपी के रायबरेली, गोरखपुर, कुशीनगर, इलाहाबाद और लखनऊ मेंं कई वारदात को अंजाम देने की बात कबूली है। पकड़े गये दोनों आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, बिहार और हरियाणा मेें आपराधिक मामले दर्ज हैं।