होली में आठ दिन का काफी महत्व है। होली शुरू होने से पहले होलाष्टक में लोगों को काफी एहतियात बरतनी होती है और कई तरह के शुभ काम नहीं करने होते हैं। इसी तरह होली होने के बाद होली के आठ दिन तक लोगों में इसका सुरूर चढ़ा होता है। आठवें दिन माता शीतला की पूजा करने के बाद ही होली का समापन होता है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में होली के आठवें दिन को काफी उल्लास के साथ लोग मनाते हैं। आइए जानते हैं शीतला अष्टमी के बारे में।

25 को है शीतला अष्टमी
चैत्र मास चल रहा है और इस महीने चैत्र कृष्ण अष्टमी को ही शीतला अष्टमी पड़ेगी। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है। लोग व्रत करते हैं। कहा जाता है कि होली के समय ही संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में संक्रामक रोगों से मुुक्ति के लिए लोग माता शीतला की पूजा करते हैं। इनकी पूजा का काफी महत्व है।
शीतला अष्टमी पर कैसे करें पूजा
शीतला अष्टमी पर देवी को प्रसाद और भोग लगाने की मान्यता है, लेकिन यह भोग लोग ताजे प्रसाद का न लगाकर बासी खाने का लगाते हैं। माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है जो काफी प्रिय लगता है। इस व्रत को बसौड़ा के नाम से भी जानते हैं। लेकिन इस दिन के बाद लोग बासी भोजन नहीं करते। कहा जाता है कि नीम की पत्तियों से नहाने और खाने से भी काफी हद तक राहत मिलती है। शीतला माता के व्रत में लोगों को सुबह उठकर ही स्नान करना चाहिए और व्रत करके संकल्प लेना चाहिए। माता की पूजा करने के लिए या तो मंदिर पर जाना चाहिए या फिर घर पर भी पूजा कर सकते हैं।
GB Singh
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