मुम्बई: लम्बी बीमारी के बाद वेटरन एक्टर शशि कपूर का निधन हो गया है। 79 साल के शशि कपूर ने मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में आखिरी सांस ली। 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित ये एक्टर सीने में इंफेक्शन से पीडि़त थे, जिसके बाद उन्हें कई बाइपास सर्जरी से भी गुजरना पड़ा था।
वर्ष 2014 में फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े दादा साहब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 18 मार्च 1938 में कोलकाता में जन्मे शशि ने अभिनय के साथ ही कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। शशि साहब की मौत की खबर सुनते ही बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारोंए,निर्देशक.निर्माताओं ने शोक प्रकट किया।
शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था। प्यार से शशि कहला जाने वाले एक्टर ने फिल्मों में इसी नाम से आने का फैसला लिया। अपने दोनों भाई राज कपूर और शम्मी कपूर से छोटा होने के कारण उन्हें शशि बाबा भी कहा जाता था। 1961 में धर्मपुत्र से शशि ने अपना करियर शुरू किया। इस फिल्म का निर्दशन यश चोपड़ा ने किया था जो आचार्य चतुरसेन नामक उपन्यास पर आधारित थी।
1961 को इस फिल्म को प्रेसिडेंट सिल्वर मेडल मिला। शशि ने जब बतौर हीरो अपना करियर शुरू किया तब उनके भाई राज कपूर और शम्मी कपूर अपने करियर के शीर्ष पर थे।
नमक हलाल, और दीवर जैसी फिल्मों के लिए मशहूर शशि के बारे में कहा जाता है कि लड़कियां और महिलाएं उनकी दीवानी थी। शशि कपूर को बड़ी सफलता फिल्म जब जब फूल खिले 1965 से मिली। आग, आवारा, जब जब फूल खिले, शर्मीली, चोर मचा शोर, दीवार, कभी-कभी, सत्मय शिवम सुंदरम, सुहाग, काला पत्थर, शान, क्रांति, नमक हलाल को शशि कपूर के करियर की यादगार फिल्में माना जाता है।