लखनऊ: शापिंग साइट मिंत्रा डांटकॉम के ग्राहकों से इनाम की झांसा देकर ठगी की जा रही थी। इस ठगी का खुलासा करते हुए यूपी एसटीएफ ने दिल्ली के द्वारिका स्थित कॉल सेंटर से 18 लोगों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर से मोबाइल फोन, लैपटाप, ग्राहकों का डाटा और 8 बैंक के खाते मिले हैं। कॉल सेंटर दो सगे भाई भागने में सफल रहे। एसटीएफ का दावा है कि इस गैंग ने अब तक 31 लाख रुपये की ठगी का अंजाम दिया है। ठगी की रकम और भी बढ़ सकती है।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि आनलाइन शापिंग साइट मिंत्रा के नोडल सिक्योरिटी आफसर ने एसटीएफ से इस बात की शिकायत की थी कि कुछ जालसाज उनके ग्राहकों से उनके ही नाम पर इनाम व लॉटरी का झांसा देकर ठगी का अंजाम दे रहे हैं।
इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल एसपी अरिवंद चतुर्वेदी को मामले की छानबीन के लिए लगाया गया था। छानबीन और मिंत्रा कम्पनी में दर्ज शिकायतों की पड़ताल की गयी तो पता चला कि जालसाज ऐसे लोगों को अपना शिकार बना रहे है, जिन्होंने कभी न कभी मिंत्रा शापिंग साइट से खरीददारी की थी।
जालसाज उसी खरीददारी के आधार पर इनाम व लॉटरी में मोबाइल फोन से लेकर टाटा सफारी गाड़ी देने की लालच देते थे। लालच में आने के बाद जालसाज ई-वैलेट पर लोगों से रुपये मंगवा लिया करते थे और फिर गायब हो जाते थे। ई-वैलेट में रुपये आने के बाद जालसाज उनको अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर निकाल लेते थे। सर्विलांस की मदद से एसटीएफ को इस बात का पता चला कि जालसाजों का पूरा गिरोह दिल्ली के द्वारिका से संचालित हो रहा है।
इसके बाद यूपी एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस और मिंत्रा कम्पनी के लोगों के साथ मिलकर द्वारिका स्थित जालसाजों के कॉल सेंटर पर छापा मारा। वहां से एसटीएफ ने कॉल सेंटर के मैनेजर सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया। मौके से कॉल सेंटर के संचालक मथुरा जनपद निवासी योगेन्द्र चौधरी और संदीप चौधरी भागने में सफल रहे।
पूछताछ के दौरान पकड़े गये आरोपियों ने अपना नाम दिल्ली निवासी रत्नेश गुप्ता, दिल्ली निवासी आबिद अली, रितिका, उधम बालियान, आशुतोष, गुलफराज आलम, हरियाणा निवासी शुभम, दिल्ली निवासी राहुल, आलम खान, कमल, गाजियाबाद निवासी राहुल, दिल्ली निवासी लावज्योत, मंजू, ऊषा, खुशी, नीलम, मुस्कान और अमृता कुमारी बताया।
14 आरोपियों को निची मुचलके पर छोड़ा गया
भोलेभाले लोगों के साथ ठगी करने की इस घटना में शामिल 14 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तारी के बाद निची मुचलके पर छोड़ दिया। वहीं 4 आरोपियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया।
मिंत्रा कम्पनी के ग्राहकों का डाटा हासिल कर करते थे ठगी
कॉल सेंटर के मैनेजर रत्नेश ने एसटीएफ के अधिकारियों को बताया कि ठगी के इस धंधे के सरगना योगेन्द्र और संदीप मिंत्रा कम्पनी के ग्राहकोंं का पूरा ब्योरा हासिल कर लेते थे। इसके बाद वह लोग उस डाटा को अपने यहां काम करने वाले युवक व युवतियों को देकर टेली कालिंग कराते थे। इनाम व लाटरी निकलने की बात कही जाती थी। जो लोग इसके झांसे में आ जाते थे, उससे हजारों लेकर लाखों रुपये जमा कर कर ठगी की जाती थी। कॉल सेंटर में कालिंग का काम करने वाले युवक व युवतियों को 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन भी दिया जाता था।
अब तक 590 ग्राहको को बनाया शिकार
ठगी की घटना होने के बाद पीडि़त मिंत्रा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत करते थे। एसटीएफ को कहना है कि 8 दिसम्बर तक कम्पनी के पास दर्ज ठगी की शिकायतों में 590 ग्राहक ऐसे मिले, जिनसे अब तक 3141874 रुपये की ठगी को अंजाम दिया जा चुका है। एसटीएफ का कहना है कि इस मामले में अभी ठगी का शिकार हुए लोगों और ठगी की धनराशि भी बढ़ सकती है।
देश भर के लोगों को लगाया चुके हैं चूना
मिंत्रा कम्पनी के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों ने अब तक पूरे देश भर में सैकड़ों लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। एसटीएफ का कहना है कि ठगी को अंजाम देने के लिए जालसाज मिंत्रा कम्पनी के ही नम्बर को कॉल स्पूफिंग साफ्टवेयर की मदद से प्रयोग इस्तेमाल करते थे। ऐसे में अधिकतर लोग इनकी बातों में आ जाते थे और ठगी का शिकार हो जाते थे।