लखनऊ: राजधानी के चर्चित भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश तिवारी उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी की हत्या के मामले में फरार चल रहे नामजद दोनों आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार की सुबह धर-दबोचा। दोनों आरोपी सूरज और विक्रम को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा जब दोनों सरेंडर करने की फिराक में लगे थे।
डुमरियागंज के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी हजरतगंज नरही निवासी हिस्ट्रीशीटर विक्रम और गोसाईगंज निवासीसूरज को सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया। बताया यह जाता है कि दोनों सीजीएम कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे थे। दोनों के सरेंडर करने की खबर पहले से ही पुलिस के पास थी और पुलिस कोर्ट परिसर के बाहर घेराबंदी किये थी।
सुबह जैसे ही दोनों आरोपी वहां पहुंचे, पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। बीजेपी के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस ने रविवार देर रात हत्या के आरोपी विक्रम सिंह और सूरज शुक्ला पर एसएसपी दीपक कुमार 20-20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
रविवार की रात को ही पुलिस ने सूरज के घर से 30 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की थी। हजरतगंज जैसे वीआईपी इलाके में वैभव की हत्या ने राजधानी पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। इस मामले में डीजीपी से लेकर शासन स्तर पर मौजूद अधिकारी पल-पल की अपडेट पुलिस से ले रहे थे और हर बार आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया जा रहा था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हजरतगंज पुलिस के लिए नाक का सवाल बनी हुई थी।
यह है पूरी घटना
डुमरियागंज के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी अपने परिवार के साथ हजरतगंज चौराहे के पास स्थित कसमंडा अपार्टमेंट में रहते थे। बताया जाता है कि शनिवार की रात उनके बेटे 28 वर्षीय वैभव को अपार्टमेंट के बाहर उसके पूर्व साथी सूरज और हजरतगंज के हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह ने गोली मार दी थी। गोली लगने से घायल वैभव की राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गयी थी। वैभव बीजेपी नेता जिप्पी तिवारी की इकलौती संतान था।