लखनऊ: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानि एनएचएम भर्ती में हुई गड़बड़ी पर योगी सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। मामले में महाप्रबंधक को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें सस्पेंड पर दिया गया है। दरअसल 4688 भर्तियों में भारी गड़बड़ी सामने आई है। इसमें 3 और 8 अंक वाले का तो चयन हो गयाए लेकिन 18 और 64 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए।
अभ्यर्थियों ने इस पर सवाल उठाए तो एनएचएम के अफसरों ने अपना दामन बचाने के लिए कहा कि यह अंतिम चयन सूची नहीं है। नया रिजल्ट 24 घंटे बाद जारी होने की बात कही जा रही है। एनएचएम ने 22 जुलाई को एएनएम, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियनए लैब अटेंडेंट व पीआरओ की भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे।
5 नवंबर को परीक्षा हुई और 22 दिसंबर को रिजल्ट घोषित हो गया।एनएचएम ने परीक्षा कराने वाली कोलकाता की एजेंसी को क्लीनचिट दे दी है। एनएचएम ने भर्ती परीक्षा कराने के लिए कोलकाता के इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड एग्जामिनेशन मैनेजमेंट को ठेका दिया था। इसी एजेंसी ने परीक्षा कराई और रिजल्ट एनएचएम के अधिकारियों को दिया। मिशन के अधिकारियों ने भी रिजल्ट जांचे बिना इसे सरकारी वेबसाइट पर अपलोड करा दिया। अब परिणाम में सामने आई गड़बडिय़ों को लेकर एजेंसी और एनएचएम पर उंगलियां उठ रहीं हैं।
एनएचएम के महाप्रबंधक एचआर संदीप सक्सेना ने दावा किया कि जिस एजेंसी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थीए उसका चयन भारत सरकार ने किया है। इसलिए किसी गड़बड़ी की संभावना नहीं है। अभी जो परिणाम जारी किए गए हैं वह अंतिम नहीं हैं। स्क्रीनिंग के बाद 24 घंटे के अंदर अंतिम मेरिट सूची जारी की जाएगी।गड़बड़ी सामने आने के बाद एनएचएम ने अपना बचाव करते हुए तर्क दिया कि जिलेवार मेरिट बनाई गई है। हर जिले में अलग.अलग कार्यक्रम जैसे बाल स्वास्?थ्यए नॉन कम्युनिकेबल डिजीज आदि के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
कई जनपदों में पद अधिक थे और आवेदन कम इसलिए वहां मेरिट काफी कम की गई है। एनएचएम के महाप्रबंधक संदीप सक्सेना ने कहा कि स्क्रीनिंग के बाद 24 घंटे के अंदर अंतिम मेरिट सूची जारी कर दी जाएगी।
मामले पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी का कहना है कि रिजल्ट जारी करने में लापरवाही बरतने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक एचआर के खिलाफ कार्रवाई होगी। अंतिम सूची फिर से जारी की जाएगी। मामले पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह ने कहा कि एचआर स्तर से लापरवाही हुई है। बिना कट ऑफ के रिजल्ट जारी कर दिया गया था। अब सही किया जा रहा है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।