Fraud: देखिए कैसे पलक झपकते ही बदल लेते थे एटीएम कार्ड, पुलिस ने दबोचा!

लखनऊ: सीधे-साधे लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनका एटीएम कार्ड बदल कर रुपये निकालने वाले चार जालसाजों को साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपियों के पास से 16 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल फोन, 16 हजार रुपये नकद और एक बुलेरो गाड़ी भी मिली है। पकड़े गये आरोपियों ने अब तक लाखों की ठगी का अंजाम देने की बात कुबूली है। पकड़े गये आरोपियों ने अपने लीडर का नाम भी पुलिस को बताया है। पुलिस ने आरोपियों को ठगे गये एटीएम कार्ड से मोबाइल खरीदने के चलते धर-दबोचा।


एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि मोहनलालगंज निवासी वेदवंती का एटीएम कार्ड बदलकर जालसाजों ने 19 हजार रुपये निकाल के साथ ही 17 हजार रुपये का वीवो वी-5 फोन खरीदता था। इस संबंध में मोहनलालगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गयी थी। मामला साइबर क्राइम से जुड़ा था तो मोहनलालगंज पुलिस ने इस मामले में साइबर क्राइम सेल की मदद ली।

साइबर क्राइम सेल ने सबसे पहले उस एटीएम की फुटेज हासिल की, जहां से वेदवंती का एटीएम कार्ड बदला गया था। इसके बाद पुलिस ने पता लगाया कि जालसाजों ने तेलीबाग इलाके से एक मोबाइल शाप से वेदवंती के एटीएम कार्ड से 17900 का वीवो-वी5 मोबाइल फोन खरीदा था। इन सबसे जानकारियों को जुटाने के बाद साइबर क्राइल सेल को जालसाजों का मोबाइल नम्बर मिला।

नम्बर को सर्विलांस पर लिया गया। सर्विलांस की मदद से जालसाजों कल लोकेशन साइबर क्राइम सेल को मिली। बुधवार को साइबर क्राइम सेल ने हजरतगंज पुलिस की मदद से चार जालसाजों को धर-दबोचा। तलाशी के दौरान उनके पास से ठगे गये 16 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल फोन, 16 हजार रुपये नकद और एक बुलेरो गाड़ी बरामद की।

पूछताछ की गयी तो पकड़े गये आरोपियों ने अपना नाम आजमगढ़ निवासी वशिष्टï कुमार, सुलातनपुर निवासी संजय कुमार, ब्रजेश कुमार और जौनपुर निवासी धर्मेन्द्र बताया। आरोपियों ने अब तक लाखों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम देने की बात कुबूली है।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके गैंग का लीडर बस्ती जनपद निवासी पवन है, जो अभी फरार है। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गये आरोपियों ने दिल्ली, लखनऊ, सुलतानपुर, कानपुर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित यूपी के अन्य जिलों में लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देने की बात बतायी है।

इस तरह जालसाज करते थे ठगी
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार ने बताया पकड़े गये जालसाज एटीएम में रुपये निकालने वाले कम पढ़े-लिखे और बुजुर्ग लोगों को पहले चिन्हित करते थे। इसके बाद आरोपी एटीएम के अंदर पहुंचे एटीएम मशीन को कुछ देर के हैंग कर देते थे। इसके बाद जालसाज मदद की बात कहते हुए पीडि़त का एटीएम कार्ड मशीन में लगाते थे और उससे कोड डालने के लिए कहते थे। हैंग होने की वजह से मशीन से रुपये नहीं निकल पाते थे। इस बीच आरोपी हाथ की सफाई दिखाते हुए पीडि़त का एटीएम कार्ड बदल उसी तरह का एटीएम कार्ड उसको थमा देते थे और बड़ी आराम से गायब हो जाते थे। वहीं ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को एटीएम कार्ड बदले जाने की भनक तक नहीं लग पाती थी। इसके बाद जब आरोपी एटीएम कार्ड से रुपये या फिर खरीदारी करते थे तो पीडि़त को इस घटना का पता चलता था। पीडि़त जब तक अपना एटीएम कार्ड ब्लाक कराता था, उससे पहले आरोपी या तो उससे रुपये निकाल चुके होते थे, या फिर खरीदारी कर ली गयी होती थी।

शौक के लिए करते थे ठगी
साइबर क्राइम सेल के हत्थे चढ़ा वशिष्टï कुमार बीए का छात्रा है, जबकि धर्मेन्द्र बीटीसी की पढ़ाई कर रहा। वहीं आरोपी संजय और ब्रजेश कम पढ़े-लिखे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अपने हाईफाई शौक और शार्टकट मेें रुपये कमाने की चाह में यह लोग सीधे-साधे लोगों के साथ ठगी करते थे। पुलिस का कहना है कि पकड़े गये आरोपियों ने अब तक लाखों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पकड़े गये आरोपियों के बैंक खाते को भी चेक करने की बात पुलिस कह रही है।

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