मुम्बई: महाराष्ट्र में दलित पार्टियों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान बुधवार को हिंसा की छिटपुट घटनाएंए संड़क और रेल की नाकाबंदी, पथरावए जुलूस और विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान राज्य सरकार ने बंद के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पालघर के ठाणे और विरार स्टेशनों पर रेल सेवा रोकने की कोशिश में दलित कार्यकर्ताओं के समूह नारेबाजी करते और झंडे लहराते हुए रेलवे ट्रैक पर कूद गए लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक लिया।
दहिसर चेकपोस्ट पर भीड़ उमड़ी और नाकाबंदी कर दीए जिससें गाडिय़ों की आवाजाही प्रभावति हुई। मुंबई में जोगेश्वरी, पवई और अंधेरी ईस्ट के हिस्सों में वाहनों पर पथराव हुआ। मुंबई में कॉलेज और विद्यालय में सामान्य रूप से खुले हुए है लेकिन सावधानी बरतने के लिए स्कूल बसों को सड़कों से दूर रखा गया हैं।
चेंबूर में एक निजी स्कूल बस पर पत्थरबाजी हुईए लेकिन किसी को चोट नहीं पहुंची। औरंगाबाद विश्वविद्यालय में कुछ परीक्षाओं को पुनर्निर्धारित करना पड़ा क्योंकि छात्र परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंचा सकें जबकि वैश्विक पर्यटन केंद्र में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई है। हालांकि कई टैक्सी ऑटो रिक्शा संघटनों ने इस बंद का समर्थन किया है लेकिन मुंबई की जीवन रेखा, उपनगरीय ट्रेन और बेस्ट ने अपनी बस सेवाओं को सामान्य रूप से जारी रखा है। विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ऑटो और टैक्सी चल रहे है लेकिन प्रसिद्ध डब्बावालों ने दिन के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं।
ठाणे, नागपुर, पुणे और अन्य शहरी क्षेत्रों के मुकाबले बाहरी इलाकों में बंद का ज्यादा असर देखने को मिला। तटीय कोंकण क्षेत्र और बीड,ए लातूर,ए सोलापुर,ए जलगांव, धुले, अहमदनगर, नासिक और पालघर जैसे दलित बहुल इलाके लगभग पूरी तरह से बंद रहे।
हिंसा की चपेट में आकर मंगलवार को 187 बसों को नुकसान पहुंचने के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने ऐहतियात बरतते हुए कुछ संवेदनशील इलाकों में बस सेवाएं निलंबित कर दी है। दलित पार्टी भारीपा बहुजन महासंघ के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने एक जनवरी की पुणे की घटना पर नाराजगी जाहिर करने के लिए बुधवार को शांतिपूर्ण महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। प्रकाश अबंडेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पोते हैं।