राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा से प्रदेश के साथ-साथ देश में तेल उत्पादन को लेकर एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री रिफाइनरी के कार्य शुभारंभ को हरी झंडी दिखाएंगे। इस रिफाइनरी का कार्य पूरा होने के बाद देश में क्रूड आॅयल को रिफाइन करने की समस्या से काफी हद तक निजात मिल पाएगी और आयातित तेल पर निर्भरता कम होगी।
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बाड़मेर रिफाइनरी का कार्य 4 साल में पूरा होगा जिसके निर्माण में करीब 43129 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इसका निर्माण 4567.32 एकड़ भूमि में होगा। इस रिफाइनरी के निर्माण में युक्त होने वाली करीब 30 फीसदी मशीनें विदेश से मंगवाई गई है जबकि 70 फीसदी मशीने देश की भेल कंपनी उपलब्ध करवाएगी।
इस प्रोजेक्ट में 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी और इंजीनियर लगेंगे जिनके यहां रहने की व्यवस्था एक टाउनशिप का निर्माण कराके की गई है। यहां निर्माण कार्य के साथ साथ 1 साल बाद से ही रिफाइनरी के फेब्रिकेशन का काम भी तेजी से किया जाएगा।
आपको बता दें कि बाड़मेर रिफाइनरी एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के सहयोग से स्थापित की जा रही है जिसमें 74 फीसदी एचपीसीएल की हिस्सेदारी तय की गई है जबकि राज्य सरकार की इसमें 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी। यहां बीएस 6 मानक स्तर के पेट्रोल डीजल का उत्पदान किया जाएगा।
राजस्थान में क्रूड आॅयल नहीं है ऐसे में रिफाइनरी को क्रूड आॅयल एक पाइप लाइन के जरिए गुजरात से उपलब्ध कराया जाएगा। ये पाइपलाइन 2 से 3 फीट चौड़ी होगी जिसकी लंबाई करीब 650 किलोमीटर बताई गई है। केयर्न एनर्जी कंपनी ये क्रूड आॅयल उपलब्ध कराएगी।
रिफाइनरी को पानी प्रोजेक्ट से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगाड़ा गांव के जलदाय विभाग के वॉटर स्टोरेज से होगी वहीं बिजली का निर्माण पास ही में स्थित पावरग्रिड से मिलेगी।