बीएचयू में पूर्व कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जांच शुरू होने के साथ-साथ अब हाईकोर्ट के फैसले से भी हड़कंप मचा है। कोर्ट ने नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका पर बीएचयू और यूजीसी से जवाब मांग लिया है। इसमें सबसे अधिक वो लोग परेशान हैं, जो इसके दायरे में आते हैं और जिनको लेकर शिकायतें हुई हैं।
कोर्ट ने नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका पर बीएचयू और यूजीसी से जवाब मांग लिया है। इसमें सबसे अधिक वो लोग परेशान हैं, जो इसके दायरे में आते हैं और जिनको लेकर शिकायतें हुई हैं।
 कोर्ट ने नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका पर बीएचयू और यूजीसी से जवाब मांग लिया है। इसमें सबसे अधिक वो लोग परेशान हैं, जो इसके दायरे में आते हैं और जिनको लेकर शिकायतें हुई हैं।
कोर्ट ने नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका पर बीएचयू और यूजीसी से जवाब मांग लिया है। इसमें सबसे अधिक वो लोग परेशान हैं, जो इसके दायरे में आते हैं और जिनको लेकर शिकायतें हुई हैं।
विश्वविद्यालय में प्रो. त्रिपाठी के कार्यकाल में शिक्षकों की नियुक्तियों से लेकर प्रमोशन आदि में गड़बड़ी को लेकर न केवल दर्जनों पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय, मानव संसाधन मंत्रालय सहित कई जगहों पर शिकायत की गई, बल्कि हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार भी लगाई गई थी।
मामले में पीएमओ ने कुछ दिन पहले ही जांच शुरू कर दी है। इसी बीच डॉ. अंगद कुमार सिंह और दो अन्य की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति इरशाद अली की पीठ ने इस पर बीएचयू और यूजीसी से जवाब मांगा है।
अब जबकि मामले की अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में होनी है, ऐसे में इसकी जद में आने वाले लोगों की निगाहें अब बीएचयू, यूजीसी की ओर से दिए जाने वाले जवाब पर टिकी हैं।  
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