भाजपा ने मेघालय विधानसभा चुनाव में एकला चलो की राह पर चुनाव में उतरने का मन बना लिया है। त्रिपुरा और नागालैंड के साथ चुनाव आयोग ने पूर्वोत्तर के अन्य राज्य मेघालय के विधानसभा चुनाव की तिथियों का भी ऐलान कर दिया है। यहां नागालैंड के साथ 27 फरवरी को मतदान होने है और वोटों की गिनती 3 मार्च को होगी। 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा चुनाव में भाजपा के एनपीपी से गठजोड़ के साथ चुनाव में उतरने की उम्मीद थी। मगर एनपीपी के साथ सीटों की उलझन को देखते हुए पार्टी ने चुनाव मैदान में एकला चलो की तर्ज पर मैदान में उतरने का मन बना लिया है। सूत्र बताते हैं कि 70 प्रतिशत ईसाई समुदाय के बाहुल्य वाले राज्य में भाजपा चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन चुनाव बाद के लिए पार्टी ने गैर कांग्रेसी दलों के साथ अपने अवसर को खुला रखा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार मेघालय में पार्टी अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी। असम से सटा राज्य होने की वजह से पार्टी को पूर्वोत्तर के इस राज्य में भी सफलता की उम्मीद है। संगमा की पार्टी एनपीपी से सीटों पर नहीं बनी भाजपा की बात
सूत्र बताते हैं कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की पार्टी एनपीपी के साथ सीट समझौते को लेकर भाजपा की बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी है। इसलिए पार्टी ने अकेले अपने दम पर कांग्रेस को पटखनी देने की रणनीति बनाई है। पीए संगमा के निधन के बाद उनके पुत्र कोनराद शर्मा एनपीपी की कमान संभाल रहे हैं। मुकूल संगमा के नेतृत्व में यहां कांग्रेस की सरकार है। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 29 और यूडीपी को 8 सीटें मिली थी। 13 सीटों पर निर्दलियों ने बाजी मारी थी।