बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले शिक्षक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर गए हैं। उन्होंने लंबे समय से वेतन न मिलने पर नाराजगी जताई है। इसको लेकर जहां अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों ने शनिवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तालाबंदी की।अशासकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य भी आंदोलन कर रहे हैं। वहीं सीआरसी-बीआरसी भी आंदोलन की राह पर हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े शिक्षक भी लंबे समय से वेतन न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं।
24 से स्कूल बंद रखने और प्री बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार की चेतावनी
तीन माह से वेतन का भुगतान न किए जाने से नाराज अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने शनिवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध जताया। उन्होंने 22 जनवरी तक वेतन न मिलने पर 24 से स्कूल बंद रखने और प्री बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
शनिवार को मयूर विहार स्थित मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने तालाबंदी की और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद उन्होंने वहीं धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तीन माह से वेतन न मिलने के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों के सामने गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
उन्होंने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में यह समस्या लगातार बनी हुई है। सरकार कई बार अनुरोध के बावजूद इसकी स्थाई व्यवस्था नहीं बना रही है, जिससे कि शिक्षकों को हर माह समय से वेतन जारी हो।
सीईओ ने 22 जनवरी तक वेतन अवमुक्त करने का दिया आश्वासन
बाद में उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी। सीईओ ने उन्हें 22 जनवरी तक वेतन अवमुक्त करने का आश्वासन दिया, जिस पर शिक्षकों ने धरना स्थगित कर दिया। तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण, महामंत्री अनिल बहुगुणा, जेपी बहुगुणा, संजय गर्ग, बीडी सेमवाल, ललित मोहन सकलानी, योगेश मिश्र, आलोक जोशी, राजीव पांडेय, ओपी जोशी, नरेंद्र सिंह, एसपी ममगाई, चेतन चौहान, राकेश मोहन डबराल, रविंदर कौर, रजनी रावत, मीना डंडरियाल, मनोज पंत समेत अन्य शिक्षक शामिल रहे।
राजकीय शिक्षक संघ ने दिया समर्थन
अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों के आंदोलन को राजकीय शिक्षक संघ ने भी समर्थन देने का एलान किया है। संघ के जिलाध्यक्ष सुभाष झल्डियाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो राजकीय शिक्षक संघ भी उनके साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने को तैयार है। उन्होंने सरकार से शिक्षकों का वेतन जल्द जारी करने की मांग की।
एसएसए में पांच माह से वेतन नहीं
सर्व शिक्षा अभियान में कार्यरत समन्वयकों और संदर्भ व्यक्तियों (रिसोर्स पर्सन) को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। इसके चलते आक्रोशित समन्वयक और संदर्भ व्यक्ति कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा कि समन्वयकों और संदर्भ व्यक्तियों का वेतन कोषागार से निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए। एक से अधिक संकुलों का प्रभार डिप्टी ईओ और बीईओ की तर्ज पर संकुल मुख्यालय पर स्थित अध्यापकों को देने की मांग की। जिससे एक ही विभाग में दोहरी व्यवस्था समाप्त की जा सके। उन्होंने 23 जनवरी से जिला परियोजना कार्यालय में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।