भारत के ऐतिहासिक स्थलों से गैर कानूनी तरीके से तस्करी के जरिये विदेशों में पहुंचाई गई बेशकीमती और प्राचीन मूर्तियों एवं कलाकृतियों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण वापस भारत लेकर आ रहा है। पिछले तीन सालों में 27 मूर्तियों और कलाकृतियों को भारत लाया जा चुका है। इन देशों में अमरीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य मुल्क शामिल हैं। कलाकृतियों को उन्हीं जगहों पर भेजा जा रहा है, जहां से उनकी तस्करी हुई थी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जनसंपर्क अधिकारी देवकी नंदन डिमरी ने बताया कि जिन कलाकृतियों को विदेशों में पहुंचाया गया या ले जाया गया, उनकी पहचान एएसआई ने गुप्त सूत्रों के जरिये की है। इनमें विदेशों में काम कर रहे लोग शामिल हैं। हालांकि, इन कलाकृतियों को भारत की धरोहर साबित करने के लिए परीक्षण और दर्ज हुई एफआईआर की जांच रिपोर्ट की भी मदद ली गई। वहीं इनमें वो धरोहर भी शामिल हैं, जो एसआई द्वारा संरक्षित नहीं है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जनसंपर्क अधिकारी देवकी नंदन डिमरी ने बताया कि जिन कलाकृतियों को विदेशों में पहुंचाया गया या ले जाया गया, उनकी पहचान एएसआई ने गुप्त सूत्रों के जरिये की है। इनमें विदेशों में काम कर रहे लोग शामिल हैं। हालांकि, इन कलाकृतियों को भारत की धरोहर साबित करने के लिए परीक्षण और दर्ज हुई एफआईआर की जांच रिपोर्ट की भी मदद ली गई। वहीं इनमें वो धरोहर भी शामिल हैं, जो एसआई द्वारा संरक्षित नहीं है।हालांकि, इनकी चोरी और तस्करी रोकने के लिए इनके संरक्षण पर भी विचार किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि इन कलाकृतियों को वापस लाने का काफी समय से प्रयास चल रहा है। पिछले चार सालों 2014, 2015, 2016 और 2017 तक ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, सिंगापुर, अमरीका और इंग्लैंड से 27 कलाकृतियों को बरामद किया गया है। बरामद हुई कलाकृतियों को एएसआई उनके मूल स्थान पर पहुंचा रहा है और अब दर्शक इन अद्भुत कलाकृतियों से रूबरू हो सकेंगे।
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