दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर कि भारत 2025 तक पांच खरब डॉलर कमाने में सक्षम है, ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादक हु शिजिन ने कहा – भारत का यह लक्ष्य उत्साहित जरूर करता है लेकिन उसमें चीन की महत्वाकांक्षा से आगे बढ़ने की क्षमता नहीं है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि भारत और चीन की विकास दर में सिर्फ थोड़ा सा ही अंतर है। उन्होंने चेताया कि भारत-चीन के बीच प्रतिस्पर्धी हालात भारत के लिए फायदेमंद नहीं हैं और यह बात भारतीयों को समझना होगी।
हु शिजिन ने कहा, इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि आगे चलकर भारत का आर्थिक विकास चीन के विकास को पार कर जाएगा, क्योंकि आज की तारीख में चीन का जीडीपी भारत के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। उन्होंने चेताया कि हमारी अर्थव्यवस्था की सकल बढ़ोतरी भारत से काफी अधिक होगी। शिजिन ने गर्व जताते हुए कहा कि चीन में वास्तविक सालाना आर्थिक वृद्धि ने वर्तमान में अमेरिकी विकास को भी पार कर लिया है और यह अंतर हर साल संकुचित होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ भारत के संदर्भ में चीन के साथ यह अंतर लगातार बढ़ रहा है।