संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अफगानिस्तान के विशेष दूत महमूद सैकल ने पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर घेरा है. उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह है, लेकिन हमें इससे भी आगे जाना होगा और परिषद में आम सहमति बनाकर इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ दिए सबूत
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत महमूद सैकल ने सीधे-सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यूएनएससी को उसके संकल्प ‘क्षेत्र के एक देश’ को पाकिस्तान द्वारा तोड़े जाने के सबूत भी मुहैया करवाएं हैं. बता दें कि उन्होंने यूएनएससी के अनुरूप संकल्प ‘एक देश’ के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया.
सैकल ने यह भी कहा कि यूएनएससी सदस्यों के बीच पाकिस्तान में आतंक की सुरक्षित पनाहगाहों की मौजूदगी को लेकर पहले से ज्यादा स्पष्टता है और वे इस पर एकमत भी हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही 15 सदस्यों वाला शक्तिशाली निकाय का राजदूत स्तरीय प्रतिनिधिमंडल काबुल दौरे से लौटा है.
परिषद का हर सदस्य मानता है
सैकल ने पीटीआई से कहा, ‘मैंने नहीं सुना कि परिषद के किसी भी सदस्य ने पाकिस्तान में आतंक की सुरक्षित पनाहगाहों की मौजूदगी से इनकार किया हो. मैंने नहीं सुना किसी परिषद का कोई सदस्य उठा हो और उसने कहा हो कि यह सच नहीं है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘लेकिन हमें इससे भी आगे जाना होगा. हमें परिषद में आम सहमति बनानी होगी कि हां, वे(आतंकी) वहां (पाकिस्तान) हैं, जिससे सुरक्षा परिषद वहां कार्रवाई करने को बाध्य होगी’.
पाकिस्तान ने मुद्दे से भटकाया
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा यूएनएससी में कई बार आ चुका है. परिषद के कई सदस्य अब इस बारे में खुलकर बात कर रहे हैं. और कहा कि पाकिस्तान ने बीते कुछ वर्षों में मुद्दे को भटकाने की कोशिश की है और हमेशा असफल भी रहा है, लेकिन अब पाकिस्तान के राजयनिक की ओर से आ रहे तर्कों को कोई भी सुनने को तैयार नहीं है, ना तो संयुक्त राष्ट्र में और ना ही किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर.
पाकिस्तान है आतंकियों का गढ़ और वहीं मारा
सैकल ने ओसामा बिन लादेन, मुल्ला उमर और मुल्ला अख्तर का उदाहरण देते हुए कहा ‘ज्यादातर सदस्य देश, आतंक के सुरक्षित पनाहों के बारे में जानते हैं. उन्हें पता है कि आतंकी समूहों के कई प्रमुख पाकिस्तान में रहे, वे पाकिस्तान में मृत पाए गए. उन्हें पाकिस्तान में मारा गया और वहीं दफनाया गया. और अब, तालिबान के प्रमुख नाम पाकिस्तान में हैं. यह सबको पता है.’