अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज ईरान पर पश्चिम एशिया को अस्थिर करने का आरोप लगाया. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने विश्व निकाय में अपने सहयोगी राजनयिकों को एक कथित ईरानी मिसाइल का मलबा दिखाया जो सऊदी अरब पर दागी गई थी.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अपने देश की सुरक्षा टीम के साथ व्हाइट हाउस में बैठक में ट्रंप ने कहा कि समूह के पास करने के लिए ‘‘बहुत काम’’ है. उन्होंने ‘ईरान की अस्थिर करने वाली गतिविधियों’ सहित सीरिया में संघर्ष खत्म करने, आतंकवाद का मुकाबला करने और उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण सहित कई उद्देश्यों की एक सूची बताई.
इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली, सुरक्षा परिषद के अपने सहयोगी सदस्यों को मिसाइल का मलबा दिखाने के लिए वॉशिंगटन में संयुक्त बेस अनाकोस्तिया-बॉलिंग ले गईं. इसके बाद हेली ने कहा, ‘‘सबूत लगातार बताते हैं कि ईरान स्पष्ट रूप से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों की अनदेखी कर रहा है.’’
उन्होंने कहा कि ईरान का रवैया ना केवल उसके पड़ोसियों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है.’’ हेली सुरक्षा परिषद को ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समझाने का प्रयास कर रही हैं. यह कार्रवाई संभवत: प्रतिबंध के रूप में होगी. लेकिन रूस इसका विरोध कर सकता है जिसके तेहरान के साथ करीबी रिश्ते हैं.
अमेरिका के अधिकारियों ने बताया कि बेस पर प्रदर्शित, धातु का मलबा वास्तव में ईरान में निर्मित संक्षिप्त दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का है जो तेहरान ने यमन में हुती विद्रोहियों को मुहैया कराई थी. इन विद्रोहियों ने नवंबर में यह मिसाइल सऊदी अरब की राजधानी रियाद में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दागी थी. मिसाइल फटी लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ.
बहरहाल, ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने आज ट्विटर पर, बेस में पड़े मिसाइल के मलबे को खारिज कर दिया और इसे ‘फर्जी समाचार’ करार दिया. उन्होंने कहा ‘‘ट्रंप एंड कंपनी सुरक्षा परिषद में ईरान के खिलाफ फर्जी प्रमाण के जरिये माहौल बनाने का प्रयास कर रही है.