पान के पत्तो को वैसे तो हम बहुत से कामो जैसे की हवन, पूजा-पाठ आदि में उपयोग करते है, गौरतलब है की पान के पत्तो में प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, टैनिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयोडीन व पोटेशियम जैसे मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं. साथ ही साथ पान के पत्तो को सर्दी-जुकाम के लिए आयुर्वेदिक इलाज माना जाता है. इसका उपयोग हल्दी का टुकड़ा सेंककर पान के पत्ते में डालकर खाने से लाभ होगा. रात के समय में अगर तेज खांसी चल रही हो तो पान के पत्ते में अजवाइन व मुलैठी का टुकड़ा डालकर खा सकते हैं. बच्चों को सर्दी-जुकाम होने पर एक पत्ते पर हल्का गर्म सरसों का तेल लगाकर बच्चों के सीने पर रखने से उन्हें आराम मिलेगा. दो से तीन पान के पत्तों के रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार लेने से लाभ होगा, और बच्चों के लिए आधा चम्मच रस ही दें.
इन बीमारियो में न करें सेवन
चरक संहिता में बतौर माउथ फ्रेशनर इलायची, लौंग, जावित्री के साथ पान पत्ता खाना बताया गया है. लेकिन जिन्हें टीबी, पित्त संबंधी रोग, नकसीर, त्वचा व गले में रूखापन, आंखों से जुड़ी समस्या या बेहोशी जैसी बीमारियां हों तो वे पान के पत्तों का उपयोग न करें.
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