जानिए आखिर क्या फिलिस्तीन के राष्ट्रपति क्या चाहते है भारत से
नतीजतन केंद्रीय कार्यालयों में काम बंद हो गया। इसी साल जनवरी की शुरुआत में तीन दिनों तक अमेरिका में बंदी रही थी। सरकारी कामकाज फिर से चल सके, इसलिए तब एक अस्थायी बजट को अमेरिका के दोनों सदनों में पास किया गया था।
650 पन्नों की योजना में 300 अरब डॉलर के रक्षा और घरेलू सेवाओं के खर्च का प्रस्ताव था। अमेरिका में ये शटडाउन यानी कामबंदी महज पाँच घंटे चली। संसद से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति ट्रंप ने मंजूर कर दिया। ट्रंप ने कहा कि सेना अब इतनी मजबूत होगी, जितनी पहले कभी नहीं थी।
बिल के गुरुवार की मध्यरात्रि को पास होने की उम्मीद थी, लेकिन रिपब्लिकन सांसद रैंड पॉल की आपत्तियों के चलते संसद में समय पर वोटिंग नहीं हो सकी। जन प्रतिनिधि सभा में बिल के पक्ष में 240 वोट पड़े और 186 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया। सीनेट ने बिल को 28 के मुकाबले 71 वोटों से मंज़ूरी दी।
अमेरिका का बजट एक अक्टूबर से पहले पारित हो जाना चाहिए। इसी दिन से संघीय सरकार के वित्तीय वर्ष की शुरुआत होती है। लेकिन अतीत में कई बार ऐसा हो चुका है कि कांग्रेस समयसीमा के भीतर बजट पारित नहीं करा पाई है और इस पर सौदेबाजी नए साल में भी चलती रही है। लेकिन इसके लिए संघीय एजेंसियों के लिए अस्थाई आधार पर पैसे का इंतज़ाम कर दिया जाता है।
क्यों हो रहा था विरोध
दरअसल, समस्या ‘डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स’ यानी डीएसीए को लेकर है जिसे पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुरू किया था। डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद पिछले साल इसे बंद कर दिया। इसमें प्रवासियों के बच्चों को कानूनी अधिकार मिलते हैं। इन्हें अमेरिका में ड्रीमर्स नाम दिया गया है।
इनमें वो हैं जो गैरकानूनी रूप से बच्चों के रूप में आए, उन्हें मां-बाप या कोई और लेकर आया और वो अमेरिका में ही पले-बढ़े। इनमें ज्यादातर मेक्सिको और मध्य अमेरिका से आए हुए बच्चे हैं।
ट्रंप ने पिछले साल कहा था कि पांच मार्च को डीएसीए को खत्म कर देंगे। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस से उस कानून में सुधार का प्रस्ताव लाने को कहा जो ड्रीमर्स को प्रत्यर्पित करने से रोकता है।
डेमोक्रैट सांसदों ने सरकार के खर्च के लिए अस्थायी निधि से समर्थन वापस ले लिया ताकि डीएसीए पर सरकार को बातचीत के लिए मजबूर किया जा सके।