नई दिल्ली :  देश  में कोई भी नागरिक भूखा न रहे इस अच्छी सोच को लेकर सरकार हर कदम उठा रही है. इसी कड़ी में सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन लेने के लिए गांव, जिला या प्रदेश की सारी सीमाओं को खत्म कर दिया है. सरकार फोन के सिम की तरह राशन कार्ड में भी पोर्टेबिलिटी लागू करना चाहती है. 
उल्लेखनीय है कि राशन लेने वाले देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से सब्सिडी पर चावल और गेहूं खरीद सकेंगे. फोन के सिम की तरह राशन कार्ड में भी पोर्टेबिलिटी लागू हो जाएगी. सरकार यह योजना 2020 तक राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना चाहती है. इसके लिए उपभोक्ता मंत्रालय इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (आईएम-पीडीएस) तैयार कर रहा है. इस योजना पर करीब 127 करोड़ रुपये खर्च आएगा. इस नई व्यवस्था से पूरे देश में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बनेगा. फर्जी कार्डों के खात्मे के बाद ही नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू हो पाएगी.
आपको जानकारी दें कि पूरे देश में अभी 24 करोड़ राशन कार्ड हैं. इनमें से 82 फीसदी राशनकार्ड आधार से लिंक हो चुके हैं. अभी सिर्फ छत्तीसगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और कर्नाटक में किसी भी पीडीएस की दुकान से राशन लेने की सुविधा हो गई है.राज्य के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी के लिए राशन कार्ड का आधार से लिंक होना आवश्यक है.पिछले तीन साल में 2 करोड़ 75 लाख नकली राशनकार्ड निरस्त किए गए हैं . इस समय पूरे देश में 05 लाख 27 हजार पीडीएस दुकानें हैं. जिनमें से 2 लाख 94 हजार दुकानों पर ईपीओएस लग चुकी है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features