ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी तीनदिवसीय भारतीय दौरे पर हैं। दो दिनों तक हैदराबाद दौरे के बाद रूहानी शनिवार की सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। इसके बाद रूहानी राजघाट पहुंचे और उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की। रूहानी के इस दौरे को दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरे पर रूहानी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह की चाबी भारत को सौंप सकते हैं। यह बंदरगाह भारत और ईरान के रिश्तों की एक सफल दास्तां को लिख सकता है। यह बंदरगाह दोनों देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हैदराबाद दौरे के दौरान रूहानी ने अपने विशाल तेल और गैस संसाधनों को भारत के साथ साझा करने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और वीजा नियमों को आसान बनाने की इच्छा जाहिर की है।
रूहानी ने कहा कि मौजूदा शताब्दी एशिया की है। भारत और ईरान दोनों देश मिलकर इसमें अहम योगदान दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खाड़ी देश चाबहार बंदरगाह में पाकिस्तान को दरकिरनार करते हुए ईरान और अफगानिस्तान के साथ मध्य एशियाई देशों और यूरोप के साथ भारत के व्यापार के रास्ते खोलेगा।
PM मोदी और राष्ट्रपति से मिले रूहानी, ईरान सौंप सकता है चाबहार की चाबी
रूहानी शुक्रवार को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नवाज अदा की और मस्जिद के इमाम मौलाना उस्मान से भी मुलाकात की। उन्होंने इस मौके पर वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान में प्रचुर मात्रा में तेल है और वह भारत के साथ इसे साझा करने को तैयार है। रूहानी ने कहा कि आने वाले समय में विदेश मंत्रालय वीजा नियमों को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और वह भारत से भी ऐसी उम्मीद करता है।
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