सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया था इस्तीफा
बीते साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पीपी पांडे का इस्तीफा स्वीकार करने की अनुमति गुजरात सरकार को दी थी। पीपी पांडे ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था यदि सरकार चाहे तो वो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि, यदि पांडे इस्तीफे का प्रस्ताव दे चुके हैं तो गुजरात सरकार द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बाद उनकी सेवा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। फिलहाल पांडे जमानत पर बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के साथ ही डीजीपी पद से पांडे की विदाई तय हो गई।
बता दें कि जिस वक्त 19 वर्षीय इशरत जहां सहित चार लोगों को अहमदाबाद में गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था उस वक्त पीपी पांडे गुजरात क्राइम ब्रांच के प्रमुख थे।
एनकाउंटर के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया कि एनकाउंटर में मारे गए लोगों के आतंकवादियों के साथ संबंध थे।
इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच में पाया कि यह एनकाउंटर फर्जी था। इसके बाद कोर्ट ने जांच के लिए इस केस को सीबीआई के हवाले कर दिया था।
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