नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के बाद देश की एक और कंपनी पर एक सरकारी बैंक को लगभग 109 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगा है। सीबीआई ने रविवार (25 फरवरी) को 109 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले में सिंभोली शुगर लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है। समाचार एजेंसी IANS के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक कंपनी ने कथित रूप से OBC बैंक को 109 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। जांच एजेंसी ने कंपनी के CEO जीएससी राव, CFO संजय तपरिया, कार्यकारी निदेशक गुरसिमरन कौर मान, डीजीएम गुरपाल सिंह और अन्य गैर कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। गुरपाल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के दामाद हैं। सीबीआई ने इस सिलसिले में सीबीआई ने दिल्ली और उत्तरप्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की। बता दें कि यह कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है, और देश की सबसे बड़ी चीनी कंपनियों में से एक है।
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक हापुड़ स्थित सिंभोली शुगर लिमिटेड ने 2011 में कर्ज के रूप में मिले फंड को गलत तरीके से डायवर्ट किया। कंपनी को ये लोन गन्ना किसानों और स्वयं सहायता समूहों के लिए मिला था। अधिकारियों ने कहा कि बैंक ने 2011 में बैंक ने कंपनी को 148.60 करोड़ रुपये का लोन सैंक्शन किया। कंपनी पर आरोप है कि इसने इस फंड का इस्तेमाल निजी जरूरतों के लिए किया। शिकायतकर्ता के मुताबिक 31 मार्च 2015 को ये रकम NPA में तब्दील हो गया। 13 मई 2015 को बैंक द्वारा इस केस को 97 करोड़ 85 लाख रुपये का कथित बैंक फ्रांड घोषित कर दिया गया।
OBC बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया है। रविवार को सीबीआई ने कंपनी के दिल्ली, हापुड़ और नोएडा स्थित आठ ठिकानों पर छापे मारी की है। इस मामले में सीबीआई ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है और लोन देने वाले अधिकारियों समेत कई लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। बता दें कि वित्त मंत्री ने जान बूझकर लोन नहीं चुकाने वालों को चेतावनी दी है और कहा है कि सरकार ऐसे लोगों से एक-एक पैसा वसूल करेगी। जेटली ने ऐसे लोगों को अर्थव्यवस्था पर दाग बताया है।
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इससे पहले सीबीआई ने कलम बनाने वाली कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल को 3 हजार 695 करोड़ रुपये के लोन ना चुकाने के मामले में गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने 7 बैंकों से कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाया था।