म्यांमार की चर्चित शख्सियतों में शामिल आंग सान सू की से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. अमेरिका के होलकॉस्ट म्यूजियम ने आंग सान सू की को मानवाधिकार क्षेत्र में दिए अवार्ड को वापिस लेने की घोषणा की है. जानकारी के मुताबिक रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े मुद्दे पर कोई असरदार कार्रवाई न करना इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है. बता दें कि म्यांमार 2016 और 2017 में सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों पर किए गए अत्याचारों ने सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था.
म्यूजियम के हवाले से बताया गया कि सू की को करीब छ साल तक सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए उन्हें 1991 में एली वीजल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. होलोकॉस्ट म्यूजियम के द्वारा सूकी को लिखे गए एक संदेश भेजा गया है. इस संदेश में लिखा है कि सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने रोहिंग्या मामले में जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के जांकर्ताओं को सहयोग देने मना कर दिया.
इसके अलावा पत्र में यह लिखा है कि पार्टी ने उस समय दुनिया के पत्रकारों को इस विषय को चर्चा करने के लिए मना किया. इससे पहले मानवाधिकार क्षेत्र में काम करने वाली संस्था ने पिछले नवंबर में कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर एक तयशुदा तरीके से हमला किया गया. यह पूरी कवायद रोहिंग्या समुदाय को म्यांमार से खदेड़ने के लिए रची गई थी.
बता दें रोहिंग्या मुद्दे ने दुनिया भर की मीडिया के सामने एक प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. रोहिंग्या समुदाय को वहां की सेना ने खदेड़ने के लिए उनपर अत्याचारों की बौछार की थी.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features