कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी गुरुवार को एक कार्यक्रम में बेबाक बोलीं। उन्होंने हर एक सवाल का जवाब दिया। उन्होंने न केवल मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल पर उठाया बल्कि प्रियंका की राजनीति में आने से लेकर 2019 में होने वाले चुनाव को लेकर भी बात बेबाकी से रखी।
उन्होंने संसद में काम न होने और हंगामे की बड़ी वजह सरकार को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि सरकार अहम मुद्दों पर बात करने से भागती है। सोनिया गांधी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को याद करते हुए कहा कि मोदी सरकार का भी वही हाल होगा जो शाइनिंग इंडिया का हुआ था। उन्होंने चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह 2019 में चुनाव जरूर लड़ेंगी।
सबसे अधिक समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि अब मैं एक सामान्य कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में हूं। सोनिया गांधी ने कहा कि वह देश से पूछना चाहती हैं कि क्या मई 2014 से पहले देश में एक ब्लैकहोल था और सिर्फ इस तारीख के बाद ही देश ने सबकुछ किया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की तरफ से दिए जा रहे बयान जानबूझ कर दिए जा रहे हैं और इसके गलत परिणाम हमारे सामने होंगे। मौजूदा समय में खुद के विषय में सोचने पर भी हमला किया जा रहा है। धार्मिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। दलितों और महिलाओं पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में उस भारत का क्या हुआ जो हम बनाना चाहते थे।
सोनिया गांधी से एक के बाद एक कई सवाल दागे गए। उनसे एक सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछा गया। उनसे ये जानने की कोशिश की गई कि वह प्रधानमंत्री को कैसा मानती हैं तो उन्होंने लगभग हंसते हुए कहा- सारी रामायण हो गई और आप पूछ रहे हैं सीता कौन थी। लेकिन जब बार बार उनसे पीएम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बेबाक होकर कहा कि वह उनसे मिली नहीं है और न ही उन्हें बहुत जानती हैं।
मैं अपनी क्षमताओं को जानती हूं
सोनिया गांधी से जब यह पूछा गया कि अब आपकी हिंदी कैसी है तो बोलीं कि शुरुआत में न तो हिंदी अच्छी थी और न ही मेरी अंग्रेजी ही अच्छी थी। लेकिन इंदिरा गांधी हिंदी में बात करने को कहती थीं। तब मैंने हिंदी सीखनी शुरू की और अब मैं अच्छी हिंदी बोल सकती हूं।
उनसे प्रियंका गांधी के राजनीति में आने की भी बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का फैसला प्रियंका खुद ही लेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं कभी नहीं चाहती थी कि राजीव गांधी राजनीति में आएं। लेकिन उन्हें इंदिरा जी की हत्या के बाद राजनीति में आना पड़ा। मैं खुद में राजनीति में नहीं आना चाहती थी लेकिन जब मैंने पार्टी ज्वाइन की उस समय पार्टी मुश्किल में थी और मुझे भी राजनीति में आना पड़ा।
अगर उस समय पार्टी में नहीं आती तो लोग मुझे कायर कहते। मैं अपनी क्षमताओं को जानती हूं।