चीन की संसद ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने पर मुहर लगा दी है। उनके कार्यकाल की दूसरी पारी में आजीवन राष्ट्रपति बने रहने के बाद, दबी जुबान से चीन के लोगों में असंतोष की भावना उजागर होने लगी हैं। लेकिन इन सबके बीच एक सवाल जो बार-बार लोगों के मन में उठ रहा है कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में “रिपब्लिक” कहां है।
चीन के बदलते परिवेश को देखते हुए प्रसिद्ध चीनी लेखक तो मा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भी ऐसी ही चिंता जाहिर की है। वहीं देश के भीतर भी लोगों को सरकार का यह कदम डरा रहा है।
चीन कैसे बना रिपब्लिक
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से रिपब्लिक ऑफ चीन की गिनती दुनिया के पांच सुपर पावर में होने लगी थी। संयुक्त राज्य की सिक्योरिटी काउंसिल ने विशेष दर्जे के साथ चीन को यह पहचान दी। लेकिन विश्वयुद्ध के तुरंत बाद ही चीन में सिविल वार शुरू हुआ और कम्युनिस्ट नेता माओ जेदोंग की जीत हुई। चीन की मौजूदा कम्युनिस्ट पार्टी को यूनाइटेड स्टेट ने पहचान नहीं दी उसने सिर्फ ताइवान को सारी शक्तियों के साथ आधिकारिक तौर पर रिपब्लिक ऑफ चाइना माना।
चूंकि रिपब्लिक ऑफ नाम से दुनिया में काफी पॉपुलर होता जा रहा था तब चीन ने भी ताइवान के आधिकारिक नाम रिपब्लिक ऑफ चीन के नाम पर कब्जा किया और अपना नाम रिपब्लिक ऑफ चीन रखा। कम्युनिस्ट नेता माओ जेदांग ने सिविल वार में विजयी होने के बाद 21 सितंबर 1949 को चीन को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चीन की घोषणा की।
पीपल्स रिपब्लिक चीन क्या डेमोक्रेटिक रिपब्लिक है?
इस सवाल का सीधा सा जवाब है नहीं। चूंकि चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है और यहां लोकतांत्रिक विरोधी दृष्टिकोण है।यहां परंपरावादी चीनी संस्कृति के अलग यहां लोग पश्चिमी शैली लोगतंत्र को संदेह से भी देखता है। इस सरकार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ जनता के हितों को ही नहीं बल्कि इसके मानक उससे कहीं अधिक हैं। क्या चीन को देश माना जा सकता है? यह एक बड़ा सवाल है जिसे ऐसे कहा जा सकता है कि पीपुल्स रिपब्लिक चीन पूर्वी एशिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला एकात्म संप्रभुता वाला देश है।
कैसे काम करती है सरकार
प्रीमियर (प्रधान मंत्री) चीन में सरकार के मुखिया के रूप में कार्य करता है | प्रीमियर का पद चीन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के समान होता है,जिसे नौकरशाही पर नियंत्रण और नीतियों के संचालन का अधिकार प्राप्त है | प्रीमियर का चुनाव औपचरिक रूप से राष्ट्रीय जन कांग्रेस की सिफारिश पर राष्ट्रपति के द्वारा होता है | परंतु व्यवहारिक रूप में साम्यवादी पार्टी ही तय करती है कि प्रीमियर के पद पर किसे नियुक्त करना है, यह पद हमेशा कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी के सर्वोच्च सदस्यों को ही प्राप्त होता है |
कैसे होता है चुनाव
अमेरिका के बाद चीन में सत्ता का परिवर्तन दुनिया की राजनीतिक स्थिति को समझने का बेहद दिलचस्प पहलू है। एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति को चुनने के लिए जनता घरों से बाहर निकलकर वोट करती है वहीं चीन में राष्ट्रपति का चुनाव इसके बेहद उल्टे तरीके से होता है। दरअसल यहां पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जनता नहीं चुनती बल्कि बेहद गोपनीय तरीके से एक बंद हॉल में उसके नाम की घोषणा की जाती है।