नई दिल्ली : नोटबंदी को लेकर संसद में एकजुट होकर हंगामा कर रहा विपक्ष, बुधवार को सरकार के खिलाफ सबसे बड़ी मोर्चाबंदी कर रहा है।
13 विपक्षी दलों के 200 से ज्यादा सांसद बुधवार को संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दे रहे हैं। इस धरने की रणनीति सोमवार को ही बना ली गई थी और मंगलवार को इसे अंतिम रूप दिया गया। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री के मौजूद रहने की मांग पर अड़ा हुआ है।
धरने की रणीनीति बनाने के लिए मंगलवार को हुई मीटिंग में कांग्रेस से अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया, जेडीयू से शरद यादव, आरजेडी से जयप्रकाश नारायण यादव, टीएमसी से सुदीप बंधोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, एसपी से नरेश अग्रवाल, सीपीआईएम से मोहम्मद सलीम, सीपीआई से डी राजा, डीएमके से कनिमोड़ी शमिल थे।
मीटिंग में धरने में लगाए जाने वाले नारों को भी फाइनल किया गया। इसके लिए कुल आठ नारों को फाइनल किया गया है, जिसमें चार नारे हिंदी और चार अंग्रेजी में हैं। हिंदी के नारों को हिंदी भाषी नेताओं मसलन राज बब्बर, गुलाम नबी आजाद और नरेश अग्रवाल जैसे नेताओं ने अंतिम रूप दिया।
रणनीति बनी है कि धरने में नंबर पर बड़े दलों के दो नेता और छोटे दलों का एक नेता पहली लाइन में होगा। कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू व एसपी के दो-दो नेता होंगे। बीएसपी ने दावा किया है कि अपने गठन के बाद से अब तक के इतिहास में पहला मौका होगा, जब बीएसपी किसी धरने प्रदर्शन में सबके साथ हिस्सा लेगी।