इंवेस्टर्स समिट के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर संवारे गए लखनऊ की हालत बदतर होने लगी है। समिट के एक माह बाद ही जहां डिवाइडर्स और पुल पीक से लाल हो गए हैं, वहीं ग्रीनबेल्ट मेघास और पौधे सूख चुके हैं। पर्यटन भवन के आगे बनाई गई ग्रीन बेल्ट बदहाल हो चुकी है। वहीं विभूतिखंड में नाले के ऊपर लगाए गए खूबसूरत फूलों वाले पौधे भी अब सूख रहे हैं।
गोमती नदी में फिर आई जलकुंभी
इंवेस्टर्स समिट से ठीक पहले गोमती नदी की जलकुंभी को हटवाया गया था। अब दोबारा से यहां नदी में जलकुंभी भर गई है। गोमती बैराज और गांधी पुल के नीचे यह जलकुंभी वहां से गुजरने पर ही दिखने लगती है।
दोबारा से लगने लगे होर्डिंग
एक तरफ नगर निगम और एलडीए मिलकर छतों से पहले ही होर्डिंग पूरी तरह नहीं हटवा पाए। वहीं जो होर्डिंग हटवाए भी गए, लोहिया पथ पर अब फिर से लगने लग गए हैं।
डिवाइडर और पुल जो इन्वेस्टर्स समिट के दौरान चमक रहे, अब वहां पान और गुटखे की पीक पड़ी है। उनका रंग भी सफेद से लाल हो गया है।
पिछली सरकार में बनाई गई साइकिल ट्रैक भी जहां तहां ध्वस्त हो गया है। यहां न तो सफाई कराई गई और न ही मरम्मत कराई गई।
डिवाइर्डस पर लगे हरे पौधे भी अब सूखने लगे हैं। इस पर से भी जिम्मेदारों ने अांखें मूंद ली हैं।