भारत ने सीमा पर खुराफात करने वाले चीन को एक बार फिर से कड़ी चेतावनी दी है. चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने सख्त लहजे में कहा कि अगर चीन ने सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश की, तो डोकलाम विवाद जैसे हालात पैदा हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि चीन को डोकलाम विवाद से सबक लेना चाहिए और सीमा पर यथास्थिति में किसी भी तरह के बदलाव का प्रयास कतई नहीं करना चाहिए. हॉन्गकॉन्ग दौरे के समय चीनी अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए साक्षात्कार में बंबावले ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारित नहीं हैं, जो एक गंभीर समस्या है.
बंबावले ने कहा कि दोनों देशों को सीमा निर्धारित करने के लिए जल्द कदम उठाने चाहिए, ताकि सीमा पर शांति और स्थिरता स्थापित की जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर शांति और बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच खुलकर और स्पष्ट बातचीत होनी चाहिए. जून में पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले गौतम बंबावले का यह बयान सामने आया है.
भारत-चीन की सेनाएं खुलकर करें बातचीत
भारतीय राजदूत ने कहा कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच उच्च स्तर पर अच्छी बातचीत है, लेकिन निचले स्तर पर भी बातचीत होनी चाहिए. सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं को आपस में खुलकर वार्तालाप करना चाहिए, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में मदद मिलेगी. डोकलाम विवाद के बाद से अब तक दोनों देशों के सैन्य मुख्यालय के बीच बातचीत नहीं शुरू हो पाई है.
डोकलाम में यथास्थिति में बदलाव की वजह से हुआ था गतिरोध
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच खुलकर और स्पष्ट बातचीत नहीं होने का नतीजा था कि डोकलाम में गतिरोध पैदा हुआ और दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने आ गईं. भारतीय राजदूत ने कहा कि चीनी सेना ने डोकलाम में यथास्थिति में बदलाव किया था, जिसके बाद भारत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. चीनी सेना द्वारा सीमा पर यथास्थिति बदलने की वजह से ही भारत ने प्रतिक्रिया दी थी.
अगर यथास्थिति में बदलाव हुआ, तो फिर डोकलाम जैसे होंगे हालात
पिछले साल डोकलाम में गतिरोध होने का कारण यह था कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ खुलकर स्पष्ट बातचीत नहीं कर रहे थे. मालूम हो कि पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम में आमने-सामने आ गई थीं. दोनों देशों के बीच यह गतिरोध 73 दिनों तक चला था. बंबावले ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर कुछ खास क्षेत्र हैं, जो बेहद संवेदनशील हैं. इन क्षेत्रों में यथास्थिति में बदलाव नहीं होना चाहिए. अगर कोई बदलाव करता है, तो इससे डोकलाम गतिरोध जैसी ही स्थिति पैदा हो जाएगी.
भारतीय राजदूत ने कहा कि अगर सीमा पर चीन सड़क बनाने जा रहा है, तो उसको भारत को इसकी जानकारी देनी चाहिए. अगर भारत इससे सहमत नहीं होगा, तो फौरन जवाब देगा कि आप यथास्थिति में बदलाव कर रहे हैं. आप ऐसा न करिए. यह काफी संवेदनशील क्षेत्र है.
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